तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : झाड़ग्राम जिले के स्वयंसेवी संगठन “दिगंतेर दिशारी” की पहल के तहत और स्थानीय संगठन एसोसिएशन फॉर डेवलपमेंट एंड सोशल वेलफेयर के सहयोग से बाढ़ प्रभावित डेबरा में मुफ्त स्वास्थ्य जांच शिविर, दवा दान एवं फल वितरण का कार्यक्रम आयोजित किया गया।
यह शिविर झाड़ग्राम के दो प्रतिष्ठित डॉक्टरों, झाड़ग्राम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की संवेदनशील नवजात देखभाल इकाई की चिकित्सा अधिकारी, डॉ. उर्मिला पाल, और त्रिपुरा राज्य के विभिन्न हिस्सों में सेवाएं देने के बाद अब झाड़ग्राम जिले के पाडिहाटी स्वास्थ्य केंद्र के कार्यरत चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. परिमल महतो के संचालन में आयोजित हुआ ।
झाड़ग्राम से लगभग 100 किमी की यात्रा की कठिनाइयों के बावजूद, दो डॉक्टरों ने मुस्कुराते हुए बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक लगभग 140 ग्रामीणों के स्वास्थ्य की जांच की। साथ ही प्रमुख परोपकारी और ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यकर्ता जगदीश माईती और समाजबंधु बिलु पात्र ने भी इसमें सहयोग का हाथ बढ़ाया।
हालाँकि सभी नहीं, अधिकांश रोगियों को इन शिविरों से लगभग सभी दवाएँ निःशुल्क दी गई ।
इसके अलावा इस शिविर में स्वास्थ्य जांच के लिए आने वाले सभी आम लोगों समेत अन्य बुजुर्गों और बच्चों को सेब, केला, मौसमी नींबू, बिस्किट आदि उपहार स्वरूप दिये गए ई इसके अलावा दिगंतेर दिशारी ने बनवासी के गरीब और जरूरतमंद लोगों के बारे में सोचते हुए कई पुराने लेकिन उपयोग करने योग्य कपड़े एकत्र किए, जिन्हें ग्रामीणों ने खुशी-खुशी एकत्र किया और अपनी पसंद के अनुसार ले गए।
“दिगन्तेर दिशारी” की ओर से संस्था के अध्यक्ष अंजन जाना, पेशे से शिक्षक एवं संस्था के वरिष्ठ सदस्य, मुख्य सलाहकार एवं पूर्व शिक्षक पंकज कुमार गिरि ने कहा, “सभी सदस्य संगठन के शुभचिंतक हैं, लेकिन शिविर को सफल बनाने में दो डॉक्टरों के साथ-साथ समाजबंधु बिलु , जगदीश , दीपक महतो मणिशंकर रॉय और एडीएसडब्ल्यू सदस्य बनमाली पात्र, बनेश्वर समुई सहित अन्य सदस्यों का भरपूर सहयोग निर्विवाद है।
बता दें कि आज शाम शिविर से लौटते समय, ‘दिगंतेर दिशारी’ के सदस्य प्रसिद्ध परोपकारी अमित पाल और उनके सहयोगी बिलु पात्रा द्वारा संचालित “अाशार अालो प्रतिभा संस्था” के बच्चों से मिलने के लिए डेबरा पुलिस थाने के माड़तला गांव गए।
संस्था की ओर से बच्चों को फल और सब्जियां समेत कुछ उपहार सौंपे गए। हालांकि कोई तैयारी नहीं थी, लेकिन दोनों डॉक्टरों की ओर से बच्चों को कुछ आर्थिक सहयोग दिया गया। संगठन ने भविष्य में बच्चों के साथ खड़े रहने का वादा किया।
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