कटक। मौसम के मिजाज बदलने के बाद बीते एक सप्ताह से देश के कई राज्यों में ओले गिरने के साथ ही भारी बारिश हो रही है। भारी बारिश के बीच ओडिसा में चक्रवात का खतरा मंडरा रहा है जिससे भारी तबाही हो सकती है । भारत मौसम विज्ञान विभाग ने भविष्यवाणी की थी कि 6 मई के आसपास बंगाल की दक्षिण-पूर्व खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण विकसित होने की संभावना है, जिसके बाद ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राज्य के अधिकारियों के साथ बैठक की।
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, जब भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि 6 मई के आसपास बंगाल की दक्षिण-पूर्व खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण विकसित होने की संभावना है। इसमें कहा गया है कि मौसम प्रणाली के प्रभाव में, अगले 48 घंटों के दौरान इसी क्षेत्र में कम दबाव का क्षेत्र बन सकता है। नवीन पटनायक ने राज्य के अधिकारियों से मुलाकात की और उन्हें किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा।
उन्होंने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को यदि आवश्यक हो तो चक्रवात आश्रयों में स्थानांतरित करने और चक्रवात के बाद राहत और बहाली कार्यों के लिए योजना तैयार करने के निर्देश जारी किए। पटनायक ने मुख्य सचिव पीके जेना से नियमित रूप से स्थिति की समीक्षा करने और विशेष राहत आयुक्त सत्यव्रत साहू को सभी विभागों और जिलों के साथ समन्वय से काम करने को कहा। भुवनेश्वर में क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के एक अधिकारी ने बताया कि आईएमडी ने अभी तक किसी चक्रवात की भविष्यवाणी नहीं की है।
उन्होंने कहा कि कम दबाव वाले क्षेत्र को चक्रवात बनने से पहले डिप्रेशन और फिर गहरे दबाव में विकसित होना होगा। पटनायक ने मुख्य सचिव पीके जेना ने कहा कि राज्य यह सुनिश्चित करने के लिए काम करेगा कि राज्य में चक्रवात आने पर एक भी जनहानि न हो। उन्होंने कहा कि 18 तटीय और आसपास के जिलों के कलेक्टरों को अलर्ट कर दिया गया है और चक्रवात आश्रय स्थल तैयार हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की कुल 17 टीमों और ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल (ओडीआरएएफ) की 20 टीमों को तैयार रखा गया है।