जगदलपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का देश की आंतरिक सुरक्षा में अभूतपूर्व योगदान रहा है और यही वजह है कि हम वामपंथ उग्रवाद से प्रभावित बस्तर अंचल में इस तरह का आयोजन कर रहे हैं। शाह छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग मुख्यालय जगदलपुर में सीआरपीएफ परेड दिवस को संबोधित कर रहे थे। सीआरपीएफ के 84 वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में श्री शाह ने कहा कि इसी बल की वजह से इस अंचल में वामपंथ उग्रवाद अब समाप्ति की ओर है।
उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों की सुरक्षा और उग्रवाद आदि प्रभावित क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के कार्य में सीआरपीएफ की महती भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि इसके लिए देश हमेशा उनके प्रति कृतज्ञ रहेगा। केंद्रीय गृह मंत्री ने सीआरपीएफ के अब तक छत्तीसगढ़ के नक्सली प्रभावित क्षेत्रों के अलावा देश में विभिन्न स्थानों पर शहीद हुए जवानों और अधिकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार उन शहीद परिवारों के साथ पूरी प्रतिबद्धता के साथ खड़ी है।
इसी बल के कारण अब बस्तर अंचल में वामपंथी उग्रवाद समाप्ति की ओर है। सीआरपीएफ के शौर्य और बहादुरी के कारण ही देश के बिहार, झारखंड और अन्य क्षेत्रों में पूरी तरह शांति है और ऐसे क्षेत्रों में विकास कार्य प्रारंभ हो चुके हैं। शाह ने सीआरपीएफ की स्थापना के संबंध में तथ्यों का हवाला दिया और कहा कि लौह पुरुष के नाम से मशहूर तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री वल्लभ भाई पटेल ने इसका नाम बदला और इस तरह इसका पुनर्जन्म हुआ। अब सीआरपीएफ की देश में 246 बटालियन हैं।