नयी दिल्ली : देश में लागू लॉकडाउन के दूसरे चरण के समाप्त होने से पहले केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देशभर में 130 जिलों को रेड जोन, 284 को ऑरेंज जोन और 319 को ग्रीन जोन घोषित किया है। इन इलाकों में कोरोना मामलों की संख्या, मामलों के दोगुना होने की दर, जांच की क्षमता और निगरानी एजेंसियों से मिली जानकारी के आधार पर इन्हें श्रेणीबद्ध किया गया है।
‘कंटेनमेंट ऑपरेशन’ के लिए जिलों के इस वर्गीकरण को राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा तीन मई से अपनाया जाएगा। तीन मई को लॉकडाउन का दूसरा चरण समाप्त हो रहा है। इस सूची को हर सप्ताह या उससे पहले भी संशोधित किया जाएगा और इस संबंध में आगे की कार्रवाई के लिए राज्यों को सूचित किया जाएगा।
इस नए वर्गीकरण में मुम्बई, दिल्ली, कोलकाता, हैदराबाद, पुणे, बेंगलुरु और अहमदाबाद जैसे महानगर शहरों को रेड जोन में रखा गया है। कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में 30 अप्रैल को राज्यों के मुख्य सचिवों और स्वास्थ्य सचिवों के साथ की गई वीडियो कॉन्फ्रेंस के बाद जिलों के इस नए वर्गीकरण की घोषणा की गई।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की सचिव प्रीती सूदन ने राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में कहा, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि हम जमीनी स्तर पर कोरोना के एक केन्द्रित प्रबंधन के लिए संवेदनशील इलाकों की पहचान करें। उन्होंने कहा कि जिलों को पहले हॉटस्पॉट्स / रेड-जोन, ऑरेंज जोन और ग्रीन जोन के रूप में नामित किया गया था। इन्हें भी सामने आए नए मामलों और उनके दोगुने होने की दर के आधार पर वर्गीकृत किया गया था।
सूदन ने पत्र में कहा, ‘‘ मरीजों के ठीक होने की दर बढ़ने के बाद, जिलों का वर्गीकरण अब व्यापक मानदंडों के आधार पर किया जा रहा है। यह वर्गीकरण बहु-तथ्यात्मक है और बढ़ते मामलों, उनके दोगुने होने की दर, जांच की क्षमता, निगरानी एजेंसियों से मिली जानकारी के आधार पर इनका वर्गीकरण किया जा रहा है।’’
पत्र के अनुसार किसी भी क्षेत्र को ग्रीन जोन में तभी रखा जाएगा यदि वहां कोरोना का कोई पुष्ट मामला ना हो या पिछले 21 दिन में जिले में कोई मामला सामने ना आया हो। वहीं कोई भी रेड या ऑरेंज जोन में शामिल जिले क्रमश: 28 और 14 दिन तक कोई नया मामला सामने ना आने के बाद ग्रीन जोन में आ सकते हैं।
इस सूची में दिल्ली के 11 जिलों को रेड जोन (हॉटस्पॉट्स) घोषित किया गया है। वहीं महाराष्ट्र के 14 जिले रेड जोन, 16 ऑरेंज जोन और छह ग्रीन जोन में शामिल हैं। गुजरात के नौ जिले रेड जोन, 19 ऑरेंज जोन और पांच ग्रीन जोन में हैं।
वहीं मध्य प्रदेश के नौ जिले रेड जोन, 19 ऑरेंज जोन और 24 ग्रीन जोन में हैं।
राजस्थान के आठ रेड, 19 ऑरेंज और छह जिले ग्रीन जोन में हैं। उत्तर प्रदेश के 19 जिले रेड जोन, 36 ऑरेंज जोन और 20 ग्रीन जोन में हैं। जबकि तमिलनाडु के 12 जिले रेड जोन, 24 ऑरेंज और एक ग्रीन जोन में हैं। गोवा, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, मणिपुर, नागालैंड और मिजोरम पूरी तरह ग्रीन जोन में है।
तेलंगाना के छह जिले रेड, 18 ऑरेंज और नौ ग्रीन जोन में हैं। आंध्र प्रदेश के पांच जिले रेड जोन, सात ऑरेंज जोन और एक ग्रीन जोन में है। पश्चिम बंगाल के 10 जिले रेड जोन, पांच ऑरेंज और आठ ग्रीन जोन में हैं। असम, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख, मेघालय, पुडुचेरी और त्रिपुरा जैसे कुछ राज्यों में कोई भी रेड जोन नहीं है।
कुछ राज्यों द्वारा ‘‘ कुछ क्षेत्रों को रेड-जोन में शामिल करने का मुद्दा’’ उठाए जाने पर सचिव ने कहा कि यह एक गतिशील सूची है। सचिव ने कहा कि राज्य स्तर पर क्षेत्र से मिली जानकारी और अतिरिक्त विश्लेषण के आधार पर राज्य उपयुक्त रूप से अतिरिक्त रेड और ऑरेंज जोन घोषित कर सकते हैं।
सूदन ने कहा, ‘‘ हालांकि राज्यों को मंत्रालय द्वारा रेड/ऑरेंज जोन में शामिल जिलों में कोई ढील नहीं देनी चाहिए।’’ एक या अधिक नगर निगम वाले जिलों के निगमों और जिलों के अन्य क्षेत्रों को अलग-अलग इकाइयों के रूप में माना जा सकता है। अगर इन इकाइयों में 21 दिन तक कोई मामला सामने ना आए तो इन्हें रेड या ऑरेंज जोन से हटाया जा सकता है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में कोरोना के अभी तक 35,043 मामले सामने आए हैं और 1,147 लोगों की इससे जान जा चुकी है।