पटना। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने बिहार के पूर्णिया में दलित नेता की हत्या में उन पर और उनके भाई तेजप्रताप पर हत्या के आरोप में मामला दर्ज कराने को एक साजिश बताते हुए कहा कि यह प्राथमिकी किसके दबाव में दर्ज कराया गया था, इसकी जांच होनी चाहिए।
तेजस्वी ने गुरुवार को पटना में एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर कहा कि इस मामले में गिरफ्तार हुए लोगों ने अब अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है। तेजस्वी ने गुरुवार को कहा कि इस मामले में पुलिस जांच में पूरी बात स्पष्ट हो गई है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि क्या अब जदयू प्रवक्ता और भाजपा प्रवक्ता उनके ऊपर जो आरोप लगा रहे थे, उसके लिए नीतीश कुमार माफी मांगें।
पूर्णिया में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) एससी-एसटी प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश सचिव शक्ति मल्लिक की हत्या के मामले में तेजस्वी यादव ने बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम एक पत्र लिखकर इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी। इस मामले में मृतक की पत्नी के बयान के आधार पर दर्ज प्राथमिकी में तेजस्वी यादव, उनके भाई तेजप्रताप यादव सहित छह लोगों को आरोपी बनाया गया है। मल्लिक की रविवार को गोली माराकर हत्या की गई थी।
तेजस्वी ने बिहार में सत्तारूढ़ दलों द्वारा घिनौनी राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जिस तरह दलित जाति के नाम का दुरुपयोग करते हुए जातीय उन्माद फैलाने की कोशिश की गई, वह शर्मसार करने वाला है। उन्होंने कहा कि सत्तापक्ष के लोग डरे हुए हैं और हताशा में झूठा इल्जाम लगवा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि मल्लिक की हत्या के आरोप में पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार किया है। पूर्णिया के पुलिस अधीक्षक विशाल शर्मा ने बताया कि घटना में संलिप्त आफताब और तनवीर अंजुम के पास से हत्या में प्रयुक्त देसी पिस्तौल, एक स्मार्टफोन भी बरामद किया गया है। शर्मा ने बताया कि यह हत्या राजनीतिक विवाद में नहीं, बल्कि पैसे के लेनदेन को लेकर हुई थी। उन्होंने कहा कि गिरफ्तार आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल भी कर लिया है।