Congress will implement OPS after winning Haryana elections: Deepender Hooda

हरियाणा चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस लागू करेगी ओपीएस: दीपेंद्र हुड्डा

चंडीगढ़ : कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने केंद्र की एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) को ”कर्मचारी विरोधी” करार देते हुए कहा कि उनकी पार्टी एक अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद हरियाणा में सत्ता में आने पर राज्य में पुरानी पेंशन योजना को लागू करेगी।

हुड्डा ने मंगलवार को झज्जर में कहा, ”यूपीएस सरकारी कर्मचारियों के साथ एनपीएस (नयी पेंशन योजना) से भी बड़ा धोखा है।” उन्होंने झज्जर के बिरोहड़ गांव में एक कार्यक्रम में भाग लिया, जहां पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाले पहलवान अमन सहरावत को सम्मानित किया गया।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 अगस्त को यूपीएस को मंजूरी दी, जिसमें एक जनवरी 2004 के बाद सेवा में शामिल होने वालों के लिए मूल वेतन का 50 प्रतिशत सुनिश्चित पेंशन की घोषणा की गई। यूपीएस का विकल्प चुनने वाले कर्मचारी 25 साल की सेवा के बाद सुनिश्चित पेंशन के लिए पात्र होंगे।

हुड्डा ने दावा किया कि विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस हरियाणा में सरकार बनाएगी और पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू करने की सरकारी कर्मचारियों की मांग को पूरा करेगी। उन्होंने यूपीएस और एनपीएस को ”कर्मचारी विरोधी” योजनाएं बताया। उन्होंने कहा, ”यूपीएस सरकारी कर्मचारियों के साथ एनपीएस से भी बड़ा धोखा है।”

हुड्डा के हवाले से एक बयान में कहा गया, ”यूपीएस में पूरी पेंशन के लिए 25 साल की सेवा की सीमा तय की गई है। सबसे ज्यादा नुकसान अर्द्धसैनिक बलों के जवानों को होगा। जो जवान 25 साल की सेवा (वीआरएस) से पहले सेवानिवृत्त होंगे, उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। ऐसी स्थिति में उन्हें केवल 10,000 रुपये की मामूली पेंशन मिलेगी।”

कांग्रेस सांसद ने कहा कि जब एनपीएस लागू किया गया था, तो इसे ओपीएस से बेहतर बताया गया था और अब यूपीएस को भी उसी तरह बढ़ावा दिया जा रहा है।

हुड्डा ने कहा, ”सच्चाई यह है कि यूपीएस के तहत कर्मचारियों को उनके अंशदान का 10 प्रतिशत भी नहीं मिलेगा। डीए (महंगाई भत्ता) हटाने के बाद कर्मचारियों को उनके मूल वेतन का आधा हिस्सा पेंशन के रूप में मिलेगा। लेकिन पांच साल में डीए का हिस्सा आमतौर पर मूल वेतन के बराबर या उससे अधिक हो जाता है। इसलिए यूपीएस के तहत पेंशन आधी हो जाएगी।”

उन्होंने कहा कि देश और राज्य भर के कर्मचारी ओपीएस को लागू करने की मांग कर रहे हैं। जनवरी 2004 से पहले लागू ओपीएस के तहत कर्मचारियों को उनके अंतिम मूल वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलता था।

ओपीएस के विपरीत, यूपीएस अंशदायी प्रकृति की है। यूपीएस के तहत, कर्मचारियों को अपने मूल वेतन और डीए का 10 प्रतिशत योगदान करना होगा, जबकि नियोक्ता का योगदान 18.5 प्रतिशत होगा।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे कोलकाता हिन्दी न्यूज चैनल पेज को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। एक्स (ट्विटर) पर @hindi_kolkata नाम से सर्च करफॉलो करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

15 + 5 =