नयी दिल्ली : सरकार के वाणिज्यिक कोयला खनन की इजाजत देने के विरोध में कोल इंडिया के मजदूर संगठनों की तीन दिवसीय हड़ताल गुरुवार से शुरू हुई। इससे करीब 40 लाख टन कोयला उत्पादन प्रभावित हो सकता है। एचएमएस से संबद्ध हिंद खदान मजदूर संघ के अध्यक्ष नाथूलाल पाण्डेय ने कहा कि मजदूर संगठन सुबह छह बजे शुरू होने वाली पहली पाली से हड़ताल पर चले गए।
उन्होंने बताया कि कोल इंडिया हर दिन औसतन 13 लाख टन कोयला उत्पादन करता है, इस तरह तीन दिनों तक चलने वाली हड़ताल से उत्पादन में 40 लाख टन का नुकसान होने का अनुमान है। यह हड़ताल ऐसे समय में हो रही है, जब सरकार ने कोल इंडिया (सीआईएल) के लिए एक अरब टन कोयला उत्पादन का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है, जो घरेलू कोयला उत्पादन का 80 प्रतिशत से अधिक है।
पूर्वी कोलफील्ड्स के झांझरा इलाके में पांच व्यक्तियों – एक सीटू सदस्य, एक इंटक और तीन एचएमएस के – जो हड़ताल पर थे, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके अलावा कोल इंडिया शाखा बीसीसीएल में कार्यरत कर्मचारी काम पर नहीं गए हैं, जिसके चलते खदानों में अस्पताल जैसी आपातकालीन सेवाएं ठप पड़ गई हैं। इसके अलावा कोल इंडिया की शाखा एसईसीएल के सोहागपुर क्षेत्र के महाप्रबंधक ने बाहरी लोगों को खदान में काम करने के लिए बुलाया है, जो एक ‘‘असाधारण स्थिति’’ है और ऐसा कोल इंडिया में कभी नहीं हुआ है।