संसद में घमासान- शाबाश? हमारे चुने हुए प्रतिनिधियों- एफआईआर बनाम एफआईआर

लोकतंत्र के मंदिर में अपने प्रतिनिधियों की धक्कामुक्की, कहासुनी देखकर मतदाता, जनता हैरान
बाबासाहेब आंबेडकर मुद्दे पर छिड़ा धमासान, धक्का मुक्की से लेकर पुलिस थाने की दहलीज तक पहुंचा- मतदाता दंग उनका भ्रम भंग- अधिवक्ता के.एस. भावनानी

अधिवक्ता किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। वैश्विक स्तर पर दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र जिसके बारे में पूरी दुनिया चर्चा करती है। दूसरी ओर भारत का संविधान जो हमारे लिए पूज्यनीय है, परंतु इसके ऊपर ही संसद में चर्चा पर घमासान मचा हुआ है। दरअसल संसद के ऊपरी सदन में माननीय गृहमंत्री ने संविधान पर चर्चा का जवाब देते हुए कुछ ऐसा जुमला बोला कि विपक्ष ने उसे हाथों-हाथ लपक लिया, उसे मुद्दा बनाकर गृहमंत्री के पद छोड़ने की मांग तक की बात बना दी। जिसके बचाव में माननीय पीएम सहित अनेक मंत्री सामने आए व गृहमंत्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के कहा की उसके बयान को एआई की मदद से तोड़ मरोड़ कर एक अंश को प्रस्तुत किया गया है जिस पर दो दिनों से घमासान चल रहा है, परंतु गुरुवार दिनांक 19 नवंबर 2024 का दिन संसद के काला दिवस के रूप में माना जा सकता है, जहां शाब्दिक घमासान ने धक्का-मुक्की का रूप ले लिया। जिसमें दो सांसद महोदय घायल हो गए हैं व अस्पताल में भर्ती है तथा दोनों प्रमुख पार्टियों ने एक दूसरे के खिलाफ पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करा दी है।

सत्ताधारी पार्टी ने नए आईपीसी कानून की धारा 115, 117, 125, 131, 351 3(5) तो विपक्षी बड़ी पार्टी ने 114, 115, 116, 117, 129, 130, 131, 133 धाराओं के अंतर्गत सांसद मार्ग पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की है। जो मैंने एफआईआर के लिए दी गई पांच पुष्ठों की कॉपी देखी उसमें करीब 15 संसद सदस्यों के हस्ताक्षर भी हैं, जो मैंने अपने 40 वर्षों के स्तंभकार लेखन के करियर में शायद पहली बार ही यह देखा हूं। क्योंकि लोकतंत्र के मंदिर में अपने प्रतिनिधियों की धक्का-मुक्की कहासुनी देखकर मतदाता, जनता हैरान है। इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आलेख के माध्यम से चर्चा करेंगे, संसद में धमासान शाबाश? हमारे चुने हुए प्रतिनिधियों एफआईआर बनाम एफआईआर।

साथियों बात अगर हम गुरुवार दिनांक 19 नवंबर 2024 को संसद परिक्षेत्र में धक्का-मुक्की की करें तो, बाबासाहेब आंबेडकर से संबंधित मुद्दे पर विपक्ष और सत्तापक्ष के सदस्यों ने गुरुवार को संसद परिसर में प्रदर्शन किया और इस दौरान उनकी कथित तौर पर धक्का-मुक्की भी हुई। सत्ताधारी पार्टी का आरोप है कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने धक्का-मुक्की की जिस वजह से उसके बुजुर्ग सांसद प्रताप सारंगी चोटिल हुए। सारंगी को राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं कांग्रेस का आरोप है कि पार्टी मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। दोनों पार्टियों ने एक दूसरे के खिलाफ दिल्ली पुलिस से शिकायत भी दर्ज कराई है। कांग्रेस ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, गृह मंत्री ने संसद में बाबासाहेब का अपमान किया है। आज बाबासाहेब के अपमान के खिलाफ संसद परिसर में इंडिया गठबंधन के सांसद प्रदर्शन कर रहे थे। जब इंडिया गठबंधन के सांसद मकर द्वार पहुंचे तो वहां पहले से मौजूद पार्टी के सांसदों ने कांग्रेस अध्यक्ष और नेता विपक्ष के साथ धक्का-मुक्की और बदसलूकी की।

इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष को चोट भी आई है सत्ताधारी पार्टी की इस गुंडागर्दी के खिलाफ आज कांग्रेस के सांसदों ने संसद मार्ग स्थित पुलिस थाने में बदसलूकी करने वाले सांसदों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई।लोकसभा स्पीकर को भी लिखा पत्र इसके अलावा कांग्रेस सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर दावा किया कि बीजेपी के तीन सांसदों ने संसद परिसर में नेता प्रतिपक्ष के साथ धक्का-मुक्की की, जो न सिर्फ कांग्रेस नेता की गरिमा पर हमला है, बल्कि संसद की लोकतांत्रिक भावना के विपरीत भी है। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से आग्रह किया कि इस मामले में वह उचित कार्रवाई करें। कांग्रेस सांसदों ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि आप इस मामले को पूरी गंभीरता से लेंगे और उचित कार्रवाई करेंगे।

साथियों बात अगर हम इस धक्का-मुक्की का मामला पुलिस थाने की दहलीज पर पहुंचने पर एफआईआर बनाम एफआईआर की करें तो, संसद भवन में गुरुवार को हुई धक्का-मुक्की के बाद लोकसभा सदस्य अनुराग ठाकुर और बांसुरी स्वराज ने नेता प्रतिपक्ष के खिलाफ दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। इस मामले में नेताओं ने राहुल गांधी के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति से भी शिकायतें की है। संसद मार्ग थाने में शिकायत दर्ज कराने के बाद अनुराग ठाकुर ने पत्रकारों से कहा कि राहुल गांधी के द्वारा शारीरिक हमला और उकसाने के लिए उनके खिलाफ दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।

उन्होंने कहा कि एनडीए के सांसद शांतिपूर्ण तरीके से कांग्रेस के झूठ के प्रोपेगेंडा को बेनकाब कर रहे थे और उनसे माफी की मांग कर रहे थे। उसी समय राहुल गांधी अपने इंडी गठबंधन के सांसदों के साथ आए और तय रास्ते से न जाकर एनडीए के सांसदों के बीच आ गए। उन्होंने अपनी पार्टी के सदस्यों को उकसाया भी और दुर्भावना पूर्ण रवैये के साथ आगे बढ़े।राहुल गांधी के खिलाफ उन्होंने बीएनएस की धारा 109, 115, 117, 125, 131 और 351 के तहत शिकायत दर्ज कराई है। इसमें 109 हत्या का प्रयास और 117 स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाने का मामला है। दूसरी तरफ, मणिपुर से भाजपा की महिला राज्यसभा सांसद एस. फांगनोन कोन्याक ने राहुल गांधी पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया।

उन्होंने सभापति को पत्र लिखकर राहुल गांधी बताया कि वह बाबा साहेब अंबेडकर के खिलाफ कांग्रेस पार्टी द्वारा किए गए अत्याचारों के विरोध में शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शन में भाग ले रही थीं, तभी यह घटना हुई। कोन्याक ने चिट्ठी में बताया, मैं मकर द्वार की सीढ़ियों के नीचे हाथ में तख्ती लेकर खड़ी थी। सुरक्षा कर्मियों ने वहां घेराबंदी कर दूसरे दलों के सांसदों के प्रवेश के लिए एक रास्ता बनाया हुआ था। उसी समय राहुल गांधी अपनी पार्टी के अन्य सांसदों के साथ मेरे सामने आ गए, जबकि उनके लिए अलग रास्ता बनाया हुआ था।

उन्होंने ऊंची आवाज में मेरे साथ दुर्व्यवहार किया और वह मेरे इतने करीब थे कि एक महिला सदस्य होने के नाते मैं बहुत असहज महसूस कर रही थी। कांग्रेस ने भी संसद भवन परिसर में हुई हाथापाई को लेकर बीजेपी सांसदों के खिलाफ दिल्ली पुलिस से शिकायत दर्ज कराई। कांग्रेस ने बीजेपी सांसदों पर अध्यक्ष के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया। इसके अलावा कांग्रेस ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर दावा किया कि बीजेपी के तीन सांसदों ने संसद परिसर में नेता प्रतिपक्ष के साथ धक्का-मुक्की की। कांग्रेस ने स्पीकर से उचित कार्रवाई की मांग की।

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी : संकलनकर्ता, लेखक, कवि, स्तंभकार, चिंतक, कानून लेखक, कर विशेषज्ञ

अतः अगर हम उपरोक्त पुरे विवरण का अध्ययन करें इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि संसद में घमासान – शाबाश? हमारे चुने हुए प्रतिनिधियों- एफआईआर बनाम एफआईआर लोकतंत्र के मंदिर में अपने प्रतिनिधियों की धक्का-मुक्की कहासुनी देखकर मतदाता, जनता हैरान। बाबासाहेब आंबेडकर मुद्दे पर छिड़ा धमासान धक्का मुक्की से लेकर, पुलिस थाने की दहलीज तक पहुंचा- मतदाता दंग उनका भ्रम भंग।

(स्पष्टीकरण : इस आलेख में दिए गए विचार लेखक के हैं और इसे ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है।)

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