नयी दिल्ली। आर्टिफिशिएल इंटेलिजेंस की वजह से आने वाले वक्त में दुनियाभर में 30 करोड़ नौकरियां जा सकती हैं। अमेरिकी बैंक गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एआई 30 करोड़ नौकरियों की जगह ले सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एआई भविष्य में अमेरिका और यूरोप में एक चौथाई नौकरियां ख़त्म कर सकता है लेकिन इसके साथ ही नयी नौकरियों की संभावनाएं भी पैदा हो सकती हैं। रिपोर्ट कहती है कि एआई के कारण विश्वभर में उत्पादकता में करीब 7 फ़ीसदी की वृद्धि देखने को मिलेगी।
ब्रिटेन में सरकार एआई में निवेश को बढ़ावा देने की इच्छुक है। ब्रिटेन का मानना है कि इससे अंतत: उत्पादकता में इजाफ़ा होगा। ब्रिटेन की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री मिशेल डोनेलन ने कहा, ”हम ये सुनिश्चित करना चाहते हैं कि ब्रिटेन में एआई हमारी नौकरियां छीनने की बजाय उन्हें बेहतर करने का काम करेगा।”
गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि एआई का असर कई सेक्टर्स पर देखने को मिलेगा। इनमें प्रशासनिक कामों पर 46 फ़ीसदी और क़ानून से जुड़े पेशों के 44 फ़ीसदी कामों पर असर पड़ेगा। एआई का सबसे कम असर उन क्षेत्रों पर होगा, जहां शारीरिक मेहनत करनी होती है। रिपोर्ट कहती है कि निर्माण क्षेत्र पर छह फीसदी और रख-रखाव से जुड़े कामों पर चार फ़ीसदी असर होगा।