कोलकाता। कलकत्ता हाई कोर्ट की तीखी टिप्पणी के बाद आखिरकार राज्य सरकार ने सिविक वॉलेंटियर्स की भूमिका को लेकर स्थिति स्पष्ट कर दी है। राज्य पुलिस की ओर से जारी सर्कुलर में स्पष्ट कर दिया गया है कि कानून-व्यवस्था के अनुपालन में सिविक वॉलेंटियर्स की कोई भूमिका नहीं है। सर्कुलर में बताया गया है कि ट्रैफिक नियंत्रण के लिए सिविक वॉलेंटियर्स, पुलिसकर्मियों की सहायता करेंगे। इसके अलावा विभिन्न आयोजनों में भीड़ संभालने, गैरकानूनी पार्किंग रोकने और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में पुलिस के सहायक के तौर पर सिविक वॉलेंटियर्स काम करेंगे।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में बांकुड़ा जिला पुलिस ने एक निर्देशिका जारी कर स्पष्ट किया था कि सिविक वॉलेंटियर्स स्कूलों में पढ़ाएंगे, जिसे लेकर खूब विवाद हुआ था। बाद में इस निर्देशिका को वापस लेना पड़ा। पहले सिविक वॉलेंटियर्स की नियुक्ति के लिए 10वीं पास होना जरूरी था लेकिन इसे घटा कर आठवीं पास कर दिया गया है। फिलहाल एक लाख सात हजार 15 सिविक वॉलेंटियर्स हैं। इनमें से कोलकाता पुलिस के इलाके में 6932 हैं।
2012 की संविदा के मुताबिक सिविक वॉलेंटियर्स की नियुक्ति होती है। फिलहाल इनका वेतन नौ हजार रुपये है। जिन सिविक वॉलेंटियर्स को कंप्यूटर की जानकारी है, उन्हें थाने में डाटा एंट्री का काम दिया जाता है, बाकी सर्जेंट की मदद करते हैं। नियमानुसार इनके पास कोई हथियार नहीं होता। यहां तक कि लाठी भी नहीं दी जाती है। पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में इनका प्रशिक्षण होता है, जिसके बाद फील्ड पोस्टिंग दे दी जाती है।