लोकसभा चुनाव 2024- आचार संहिता लागू होने के पूर्व सीएए कानून लागू करने की अधिसूचना जारी हो सकती है
संपूर्ण भारत में हो रही विभिन्न परियोजनाओं की घोषणाओं में मास्टर स्ट्रोक सीएए कानून लागू करने की अधिसूचना केंद्रीय गजट में जारी हो सकती है- एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया
किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। वैश्विक स्तर पर दुनियां के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में लोकसभा चुनाव की तारीखें घोषित होने की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। मेरा मानना है कि मार्च माह में किसी भी वक्त चुनाव की तारीखों की घोषणा हो सकती है जो संभावित 7 से 9 चरणों में चुनाव हो सकते हैं। चुनाव तारीखों की घोषणा होने के बाद तुरंत आचार संहिता लागू हो जाती है। जिस तरह हम पिछले कई दिनों से देख रहे हैं कि माननीय पीएम महोदय लगातार हजारों लाखों करोड़ रुपए की परियोजनाओं का शिलान्यास करीब-करीब रोज कर रहे हैं। जिससे आभास हो जाता है कि जरूर कोई चुनाव बहुत करीब है, स्वाभाविक रूप से हम सब को मालूम है कि लोकसभा चुनाव 2024 है। पिछले कुछ महीनो से हम देख रहे हैं कि स्टेप बाय स्टेप ऐसे कार्य किया जा रहे हैं जो अपनी गहरी छाप छोड़ रहे हैं। स्वाभाविक रूप से इसका पूरा फायदा सत्ताधारी पार्टी को मिलेगा। जैसे फ्री राशन की तारीखें बढ़ाना, राम मंदिर का उद्घाटन और अब दिनांक 28 फरवरी 2024 से उच्च शिक्षण संस्थानों में मेरा पहला वोट देश के लिए कार्यक्रम शुरू हो चुका है जो 6 मार्च 2024 तक चलेगा।
उधर चुनाव आयोग ने देश के सभी सिनेमा, थिएटरो को सूचना व प्रसारण मंत्रालय के हस्ते फिल्म के अंतराल के दौरान सभी सिनेमा मालिकों को यह दिखाने का निर्देश दिया है। इस तरह हम देख रहे हैं कि यह सब कार्य बातें अब अंतिम चरण में है और अब मास्टर स्टोक की बारी है, जो मेरा मानना है कि सीएए कानून लागू करने की घोषणा करने की है जिसे बहुत जल्द से लागू किया जाएगा। सभी पोर्टल तैयार है, इनका आवेदन आनलाइन स्वीकृत किया जाएगा। चुंकि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) 2019 मार्च 2024 के प्रथम सप्ताह में लागू होने की संभावना है, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आलेख के माध्यम से चर्चा करेंगे, संपूर्ण भारत में हो रही विभिन्न परियोजनाओं की घोषणाओं में मास्टर स्ट्रोक सीएए कानून लागू करने की अधिसूचना केंद्रीय गजट में प्रकाशित हो सकती है।
साथियों बात अगर हम आचार संहिता लागू होने के पहले सीएए कानून का लागू होने के नोटिफिकेशन जारी होने की संभावना की करें तो, देश में लोकसभा चुनाव से पहले नागरिकता संशोधन कानून 1 मार्च से लागू करने की तैयारी है। मीडिया के मुताबिक मार्च के पहले सप्ताह में ही लोकसभा चुनाव का भी ऐलान होना है। ऐसे में सरकार आचार संहिता लगने से पहले ही यह बड़ा फैसला लेने जा रही है। इससे पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से उत्पीड़न का शिकार होकर भारत में शरण लेने वाले हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख, ईसाई और पारसी धर्म के लोगों को फायदा मिलेगा। गृह मंत्रालय आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले किसी भी समय नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) नियमों को अधिसूचित कर सकता है। सूत्रों के अनुसार केंद्र की सरकार मार्च के पहले हफ्ते में सीएए के नियम लागू कर सकती है। सीएए नियम अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में सताए गए अल्पसंख्यकों के भारतीय नागरिकता आवेदनों का प्रसंस्करण सुनिश्चित करेंगे।
सरकार के सूत्रों के अनुसार, सरकार ने सीएए को लागू करने के लिए पोर्टल तैयार कर लिया है। अधिकारियों का कहना है कि पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। मीडिया में कहा है कि सीएए के प्रावधान किसी भी समय घोषित हो सकते हैं। यह काम आदर्श आचार संहिता के लागू होने से पहले करने की तैयारी है। संभावना है कि आचार संहिता मार्च में किसी भी समय घोषित हो सकती है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन जारी करते ही सीएए कानून लागू हो जाएगा, जिससे किसी भी व्यक्ति को भारतीय नागरिकता मिलना आसान हो जाएगा। सत्ताधारी पार्टी के लिए पहले ही रहा है ये चुनावी मुद्दा देश में सीएए लागू करने को भाजपा पहले से ही चुनावी मुद्दा बनाती रही है। पार्टी ने पिछले लोकसभा चुनाव और पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भी इसे मुद्दा बनाया था। नेताओं का मानना है कि इसे लागू करने से पश्चिमी बंगाल में पार्टी को बेहद लाभ होगा। 2021 में दी गई थी 1,414 शरणार्थियों को नागरिकता। केंद्रीय गृह मंत्रालय की 2021-22 की वार्षिक रिपोर्ट मुताबिक, 1 अप्रैल 2021 से 31 दिसंबर, 2021 के बीच पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैरमुस्लिम समुदाय के 1,414 शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता मिली है। यह नागरिकता इन लोगों द्वारा नागरिकता कानून, 1955 के तहत किए गए आवेदन पर प्रक्रिया पूरी होने के बाद दी गई है।
साथियों बात अगर हम नागरिक तथा कानून 1955 के प्रस्ताव पर राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षरित विधेयक को 4 साल बाद लागू करने पर कानूनी अड़चन की करें तो, संसदीय प्रक्रिया के मुताबिक, किसी भी कानून की गाइडलाइंस उसे राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के छह माह के अंदर जारी हो जानी चाहिए। ऐसा नहीं होने की स्थिति में सरकार को लोकसभा और राज्यसभा की अधीनस्थ विधान पर स्थायी समितियों से एक्सटेंशन मांगना होता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से साल 2020 से लगातार सीएए के नियमों को फ्रेमिंग करने की प्रक्रिया के लिए संसदीय समितियों से एक्सटेंशन लिया जाता रहा है। इस एक्सटेंशन के कारण गृह मंत्रालय की तरफ से सीएए को लागू करने की राह में कोई भी बाधा नहीं आएगी। सरकार ने साल 2019 में तत्कालीन नागरिकता नियमों में संशोधन वाला का पेश किया था। इसका मकसद तीन मुस्लिम बहुल पड़ोसी देशों बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में प्रताड़ना के चलते पलायन कर भारत आने वाले गैरमुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को जल्द भारतीय नागरिकता देने का रास्ता साफ करना था।
पड़ोसी देशों के प्रताड़ित अल्पसंख्यक समुदाय में हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई धर्म के लोगों को शामिल माना गया था, जबकि मुस्लिमों को इसके दायरे से बाहर रखा गया था। इसके दायरे में उन्हीं शरणार्थियों को माना गया है, जो 31 दिसंबर, 2014 से पहले इन देशों से भारत में आकर शरणार्थी के तौर पर रजिस्टर्ड हुए हैं। संसद में दिसंबर, 2019 में सीएए को हरी झंडी दिखा दी थी। इसके बाद राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही यह संशोधन कानून बन गया था। हालांकि इसके साथ ही पूरे देश में इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन और हिंसा शुरू हो गई थी। सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा और पुलिस एक्शन में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद कोरोना महामारी आने से यह अब तक लागू नहीं हो सका था। मीडिया में कहा है कि सीएए के प्रावधान किसी भी समय घोषित हो सकते हैं। यह काम आदर्श आचार संहिता के लागू होने से पहले करने की तैयारी है। संभावना है कि आचार संहिता मार्च में किसी भी समय घोषित हो सकती है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन जारी करते ही सीएए कानून लागू हो जाएगा, जिससे किसी भी व्यक्ति को भारतीय नागरिकता मिलना आसान हो जाएगा।
साथियों बातें हम दस्तावेजों की करें तो मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि, सीएए के प्रावधान तैयार हैं और नागरिकता देने की पूरी प्रक्रिया वाला ऑनलाइन पोर्टल पहले ही सेट किया जा चुका है। पूरी प्रक्रिया डिजिटल तरीके से ही पूरी होगी। आवेदक को बिना किसी दस्तावेज के भारत पहुंचने के साल की जानकारी देनी होगी। इसके अलावा कोई अतिरिक्त दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होगी। 2021 में दी गई थी 1,414 शरणार्थियों को नागरिकता। केंद्रीय गृह मंत्रालय की 2021-22 की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, 1 अप्रैल 2021 से 31 दिसंबर, 2021 के बीच पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैरमुस्लिम समुदाय के 1,414 शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता मिली है। यह नागरिकता इन लोगों द्वारा नागरिकता कानून, 1955 के तहत किए गए आवेदन पर प्रक्रिया पूरी होने के बाद दी गई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आवेदन करने वालों को वो साल बताना होगा, जब उन्होंने दस्तावेजों के बिना भारत में प्रवेश किया था।
सूत्रों के अनुसार, आवेदन करने वालों से कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा। इस कानून में किसी भी भारतीय की नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान नहीं हैं, चाहे वह किसी भी धर्म का हो। जानकारी के लिए आपको बता दें कि सीएए कानून 2019 पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश के उन अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता के लिए रास्ता खोलेगा, जो लंबे समय से भारत में रह रहे हैं। बीते शनिवार को केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा था, सीएए को लागू करने के नियम 2024 लोकसभा चुनाव से पहले जारी कर दिए जाएंगे। लाभार्थियों को भारतीय राष्ट्रीयता देने करने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी। उन्होंने कहा था कि सीएए देश का कानून है। इसकी अधिसूचना जरूर जारी होगी। लोकसभा चुनाव से पहले इसे जारी किया जाएगा। इसे लेकर किसी को कोई भ्रम नहीं होना चाहिए। भारत के पड़ोसी देशों के प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देना कांग्रेस नेतृत्व का भी वादा था।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) 2019 को मार्च 2024 प्रथम सप्ताह से लागू करने की संभावना। लोकसभा चुनाव 2024-आचार संहिता लागू होने के पूर्व सीएए कानून लागू करने की अधिसूचना जारी हो सकती है। संपूर्ण भारत में हो रही विभिन्न परियोजनाओं की घोषणाओं में मास्टर स्ट्रोक सीएए कानून लागू करने की अधिसूचना केंद्रीय गजट में जारी हो सकती है।
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