कोलकाता। पश्चिम बंगाल राज्य निर्वाचन आयोग (डब्ल्यूबीएसईसी) ने त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली के आगामी चुनावों में कुछ पेशेवर वर्गो के हिस्सा लेने पर रोक लगा दी है। इनमें नागरिक स्वयंसेवक और राशन डीलर प्रमुख हैं। हालांकि नागरिक स्वयंसेवक नियमित पुलिस कर्मियों से इतर निबंधित कर्मचारी हैं, सूत्रों ने बताया कि भविष्य में इस पर किसी तरह के विवाद की आशंका से बचने के लिए उन्हें भी प्रतिबंधित पेशेवरों की सूची में शामिल किया गया है।
इसी तरह राज्य सरकार के अन्य निबंधित कर्मचारी जैसे शिक्षा मित्र, पंचायत कर संकलक और निबंधित ग्रुप डी कर्मचारियों को भी ग्रामीण स्थानीय निकायों के चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित किया गया है। हालांकि सरकारी ठेकेदारों को चुनाव लड़ने की अनुमति है, लेकिन राज्य चुनाव आयोग ने उनके लिए कुछ शर्ते रखी हैं। पहली शर्त यह है कि यदि उन्हें कोई ठेका मिला है तो चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने से पहले उन्हें वह ठेका छोड़ना होगा।
यदि किसी ठेके में काम शुरू हो चुका है तो उन्हें नामांकन भरने से पहले काम पूरा करना होगा। विपक्षी दलों ने इन प्रतिबंधों की उपयोगिता पर सवाल उठाते हुए कहा है कि इनका कितना लाभ होगा क्योंकि इन पेशेवरों के परिवार के सदस्यों के चुनाव लड़ने पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।
उन्होंने आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग ने दिशा-निर्देश इस तरह तैयार किया है कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के करीबी ठेकेदार खुद या परिवार के सदस्यों के माध्यम से चुनावी दौड़ में बने रहें। हालांकि, तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने आरोपों को बेतुका बताते हुए खारिज कर दिया है।