नयी दिल्ली। भारतीय थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि चीन से लगने वाली सीमा पर चीनी सेना की गतिविधियां चिंता का विषय बनी हुई हैं। जनरल पांडे ने ये बात सावित्रीबाई फूले यूनिवर्सिटी और दिल्ली स्थित सेंटर फॉर चाइना एनालिसिस एंड स्ट्रेटजी की ओर से आयोजित कार्यक्रम के दौरान कही। इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित ख़बर के मुताबिक, जनरल पांडे ने कहा है कि चीन की ओर से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अतिक्रमण और सीमा से जुड़े मौजूदा समझौतों और प्रोटोकॉल्स का उल्लंघन भारत के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं।
जनरल पांडे का बयान चीन को लेकर भारत की नीति में परिवर्तन को रेखांकित करता है। साल 2012 में जनरल बिक्रम सिंह ने चीन को प्रतिद्वंद्वी करार दिया था और अब जनरल पांडे ने चीन को लेकर ये बयान दिया है। भारत और चीन के बीच हुए सीमा से जुड़े चार समझौतों को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा, “चीन की ओर से इनका उल्लंघन और सीमा पर अतिक्रमण की कार्रवाइयां चिंता का विषय बनी हुई हैं।
आर्मी चीफ़ ने ये भी बताया कि चीन ने सीमा पर अपनी सैन्य क्षमताओं में काफ़ी विकास किया है, जिसमें ढांचागत विकास जैसे एयरफ़ील्ड और हेलीपैड जैसी चीजें शामिल हैं। उन्होंने कहा, “भारत ने उत्तरी सीमाओं पर शक्ति के संतुलन की दिशा में ज़रूरी कदम उठाए हैं ताकि मौका पड़ने पर उचित ढंग से जवाब दिया जा सके। हमारे पास पर्याप्त रिजर्व सैनिक हैं और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। हमारी तैयारी भी उच्ततम स्तर पर है और भारतीय सैन्य टुकड़ियां संयमित ढंग से चीनी सेना का मज़बूती के साथ सामना कर रही हैं।