बीजिंग/नयी दिल्ली : पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन के बीच जारी तनातनी अब खत्म होता दिखाई दे रहा है। चीन की सेना गलवान घाटी के कुछ हिस्सों से तंबू हटाते और पीछे हट रही है। सरकारी सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। 15 जून को हुई हिंसक झड़प के करीब 3 हफ्ते बाद एक बार फिर चीन ने सीमा पर शांति की बात की है और भारत के साथ मिलकर सीमाक्षेत्रों के विकास की ओर बढ़ने का लक्ष्य दोहराया है।
इस बार सेना के सूत्रों का भी कहना है कि चीनी सैनिक डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया के तहत करीब 1.5 किमी पीछे हट गए हैं। इस बीच चीन के विदेश विदेश मंत्री वान्ग यी की ओर से विस्तृत बयान जारी कर उम्मीद जताई गई है कि अब दोनों पक्ष ऐसा कोई कदम नहीं उठाएंगे जिससे विवाद बढ़े।
सीमा बातचीत को लेकर भारत के विशेष प्रतिनिधि और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल ने वान्ग से रविवार को चर्चा की थी। इसके बाद चीन ने विस्तृत बयान जारी कर कहा है कि इस साल चीन और भारत के बीच कूटनीतिक संबधों की 70वीं वर्षगांठ है। चीन और भारत के रिश्तों ने तमाम उतार-चढ़ाव देखे हैं और आज जो विकास हुआ है उसे हासिल करना आसान नहीं है।
सूत्रों की माने तो चीनी सेना गश्त बिंदु 14 पर लगाए गए तंबू एवं अन्य ढांचे हटाते हुए देखी गई है। गोगरा हॉट स्प्रिंग इलाके में भी चीनी सैनिकों के वाहनों की इसी तरह की गतिविधि देखी गई है। बता दें कि भारतीय और चीनी सेना के बीच पिछले सात हफ्तों से पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में गतिरोध जारी है।