काली दास पाण्डेय : कुछ कर गुजरने की तमन्ना यदि दिल में हो तो उम्र की बंदिशें कभी आड़े नहीं आती इस बात को साबित कर दिखाया सानवी श्रीवास्तव और रिद्धिमा श्रीवास्तव ने। इन दोनों सगी बहनों ने 10 और 8 साल की छोटी उम्र में ‘डायरी ऑफ एंजल एंड जिनी’ की रचना फिल्मी तर्ज़ पर कर एक कृतिमान स्थापित किया है। वैसे दौर में जहां बच्चे मोबाइल गेम्स और यूट्यूब के दीवाने हैं, सानवी और रिद्धिमा ने अपने आसपास के लोगों को देखने और उनकी भावनाओं को महसूस करने के लिए समय निकाला और ‘डायरी ऑफ एंजल एंड जिनी’ की रचना की है। फ़िलवक्त इन्हें सबसे कम उम्र के बाल लेखक के रूप में जाना जाता है।
इन बाल लेखक की कहानियों में पाठकों को बुजुर्गों के लिए सम्मान मिलेगा और सभी पाठक समाज के लिए प्यार महसूस करेंगे और कहानियों के पात्रों में शामिल उनके दोस्तों, शिक्षकों और उनके परिवार के प्रति उनकी सवेंदनशील विचार धारा के करीब स्वयं को पाएंगे। इस तरह की कहानियां नैतिक मूल्यों को उजागर करने और एक बच्चे के अवचेतन मन में रखने की कोशिश करती हैं। नैतिक मूल्यों के उजागर होने से सद्भाव, सुख और शांति की प्राप्ति होती है, जिसकी आधुनिक समय में बहुत कमी है। पिछले दिनों एक विशेष आयोजन के दौरान किताब के लोकार्पण कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सानवी श्रीवास्तव और रिद्धिमा श्रीवास्तव को ‘डायरी ऑफ एंजल एंड जिनी’ के लिए बाल लेखक के रूप में सम्मानित करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएँ दी।