राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विजन को पूरा करने के लिए निरन्तर व्यापक प्रयास कर रहा है विश्वविद्यालय अनुदान आयोग – प्रो. जगदीश कुमार
उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में 2 फरवरी 2024 को एनईपी 2020 के संदर्भ में यूजीसी द्वारा गठित पांच क्षेत्रीय समितियों में से मध्य क्षेत्र की समिति द्वारा सेंट्रल जोन वाइस चांसलर्स कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को 29 जुलाई, 2020 में अधिसूचित किया गया था। तदनुसार, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने कई पहलों की शुरुआत की है, जिनमें अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट, अकादमिक कार्यक्रमों में बहु प्रवेश और बहिर्वेशन (मल्टीपल एंट्री एण्ड एग्जिट), एकल-शाखा वाले एचईआई संस्थानों को बहु-विषयक शाखाओं वाले संस्थानों में परिवर्तित करना, संयुक्त विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सी यू ई टी), स्नातकपूर्व कार्यक्रमों के लिए पाठ्यचर्या और क्रेडिट फ्रेमवर्क, राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क, एक साथ दो अकादमिक कार्यक्रमों की पढ़ाई करना, दोहरी शिक्षा व्यवस्था, संयुक्त और दोहरी डिग्री कार्यक्रम प्रदान करने के लिए भारतीय और विदेशी उच्चतर शिक्षा संस्थानों के बीच शैक्षणिक सहयोग, व्यावसायिक प्रोफेसर (professor of practice) की नियुक्ति, अप्रेंटिसशिप एंबेडेड डिग्री कार्यक्रम जैसी पहलें शामिल हैं।
ये विचार विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के चेयरमैन प्रो. एम. जगदीश कुमार ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में व्यक्त किए। उन्होंने प्रेस एवं मीडिया जगत के वरिष्ठ जनों के विभिन्न प्रश्नों के उत्तर दिए। प्रारम्भ में विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे नवाचारों की चर्चा करते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा इस महत्वपूर्ण कॉन्फ्रेंस के आयोजन के लिए धन्यवाद दिया। प्रारम्भ में अतिथि स्वागत कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय एवं कुलानुशासक प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा ने किया। इस अवसर पर यूजीसी नई दिल्ली के संयुक्त सचिव डॉ. अविचल कपूर एवं कुलसचिव डॉ. अनिल शर्मा सहित विभिन्न समाचार पत्रों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के सम्पादक एवं वरिष्ठ पत्रकार उपस्थित थे। प्रेस वार्ता का संयोजन कुलानुशासक एवं आयोजन समिति के मुख्य समन्वयक प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा ने किया।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के चेयरमैन प्रो. एम. जगदीश कुमार ने प्रेस वार्ता में कहा कि यूजीसी, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विज़न को पूरा करने के लिए सतत प्रयास कर रहा है और आयोग यह सुनिश्चित करता है कि उपरोक्त पहलों के लाभ महत्वाकांक्षी युवाओं के एक बड़े वर्ग तक समयबद्ध तरीके से पहुंचे। महत्त्वपूर्ण पहलों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए एक रोड मैप विकसित करने में विश्वविद्यालयों को सुविधा प्रदान करने हेतु यूजीसी ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों, राज्य विश्वविद्यालयों, निजी विश्वविद्यालयों और मानित विश्वविद्यालयों के कुलपतियों सहित पांच क्षेत्रीय समितियों का गठन किया है।
क्षेत्रीय समिति के विचारार्थ विषय इस प्रकार हैं :
1. राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के विभिन्न प्रावधानों के बारे में क्षेत्र के प्रबंधन, शैक्षणिक, प्रशासनिक सदस्यों और अन्य हितधारकों के संदर्भ में जानकारी प्रदान करना और सुग्राह्य बनाना।
2. एनईपी 2020 के कार्यान्वयन के लिए कार्ययोजना और रणनीतियों को रूपरेखा देने में क्षेत्र में उच्चतर शिक्षा संस्थानों का मार्गदर्शन करना।
3. एनईपी, 2020 के विभिन्न प्रावधानों के समयबद्ध कार्यान्वयन में एचईआई का मार्गदर्शन करना और एचईआई में कोई भी समस्या के समाधान में सहायता प्रदान करना।
4. क्षेत्र में विभिन्न एचईआई द्वारा की गई प्रगति का प्रलेखीकरण और रिपोर्टिंग।
विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन की समीक्षा और चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सौजन्य से 2 फरवरी को राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। उक्त आयोजन में चर्चा करने के लिए मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड के 270 से अधिक शासकीय एवं अशासकीय विश्वविद्यालयों के कुलपति उपस्थित रहे। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती सभागृह में देश के विभिन्न भागों से आए शिक्षाविदों ने संक्रिय सहभागिता की।
स्मरणीय है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन में विक्रम विश्वविद्यालय की अग्रणी भूमिका रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने में मध्यप्रदेश के तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री एवं वर्तमान मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव की मुख्य भूमिका रही है। विश्वविद्यालय अंतरानुशासनिक अध्ययन, जल स्रोत संग्रहण, पर्यावरण संरक्षण, ऊर्जा संरक्षण जैसे नवाचारी कार्य निरंतर कर रहा है। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय क्षेत्रीय समिति के मध्य क्षेत्र के मुख्य समन्वयक हैं, जिसके चलते वे निरंतर एनईपी के सुव्यवस्थित क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान देते हैं।
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