कोलकाता। मध्याह्न् भोजन (मिड डे मील) योजना के कार्यान्वयन की समीक्षा करने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से एक केंद्रीय निरीक्षण दल पश्चिम बंगाल में चल रही योजना के तहत कवर किए गए छात्रों की लंबाई और वजन अनुपात की जांच कर सकता है। विभिन्न जिलों में 30 जनवरी से 6 फरवरी तक समीक्षा करने के लिए केंद्रीय निरीक्षण दल के अस्थायी कार्यक्रम से अवगत सूत्रों के अनुसार, मध्याह्न् भोजन के लाभार्थियों को पर्याप्त पौष्टिक भोजन मिल रहा है या नहीं, इसका मूल्यांकन करने और जांच करने के कई तरीके हैं। इनमें लंबाई-वजन अनुपात जांचना सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है।
रविवार दोपहर कोलकाता पहुंचने वाली नौ सदस्यीय टीम के गठन से नौकरशाही प्रतिनिधित्व से ज्यादा पोषण के क्षेत्र में विशेषज्ञों को शामिल करने पर ध्यान दिया गया है। यह क्षेत्र निरीक्षण प्रक्रिया को और अधिक उपयोगी बनाने के लिए किया गया है। केंद्रीय निरीक्षण दल का नेतृत्व गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, जो उत्तराखंड के पंतनगर में स्थित है, के खाद्य एवं पोषण विभाग की प्रमुख डॉ. अनुराधा दत्ता करेंगी।
नौ सदस्यीय तथ्यान्वेषी दल के तीन सदस्य केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुख्य सलाहकार हैं। संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय बाल आपातकालीन कोष (यूनिसेफ) का एक प्रतिनिधि भी टीम का सदस्य होगा। राज्य सचिवालय के सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा उन्हें दी गई प्रारंभिक सूचना के अनुसार, केंद्रीय निरीक्षण दल पके हुए मध्याह्न् भोजन की पोषण मूल्य की जांच के लिए मौके पर ही जांच करेगा। वे यह भी जांच करेंगे कि पूरी प्रक्रिया में उचित प्रबंधन सूचना प्रणाली श्रृंखला का पालन किया जाता है या नहीं।
जहां ये पोषण पक्ष से निरीक्षण पहलू का हिस्सा होंगे, वहीं केंद्रीय टीम योजना के कार्यान्वयन में वित्तीय और प्रबंधन पहलू का भी मूल्यांकन करेगी। इस दूसरे पहलू में रसोई की स्थिति, खाना पकाने की व्यवस्था की निगरानी में शिक्षकों की भागीदारी, उद्देश्यों के लिए किराए पर लिए गए रसोइयों को भुगतान तंत्र और सिस्टम में आउटसोर्स किए गए लोगों को आधार-लिंक करने की स्थिति जैसी बुनियादी सुविधाओं का निरीक्षण शामिल होगा।
मध्याह्न् भोजन योजना के क्रियान्वयन में गड़बड़ी की शिकायतों के बीच केंद्रीय निरीक्षण दल प्रदेश का दौरा कर रहा है। पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने पिछले साल मार्च में बोगतुई नरसंहार के पीड़ितों को मुआवजे का भुगतान करने के लिए मिड-डे मील फंड के डायवर्जन की भी शिकायत की है।