नयी दिल्ली। इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रामीण विकास मंत्रालय ने राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी) जिसमें वृद्धावस्था पेंशन जैसी योजनाएं शामिल हैं उनके पैसे का इस्तेमाल अपनी अन्य योजनाओं के प्रचार के लिए किया है। लोकसभा में 2017-18 से 2020-21 तक एनएसएपी के ऑडिट पर सीएजी की रिपोर्ट में ये जानकारी सामने आयी है।
रिपोर्ट में लिखा है, “एनएसएपी के तहत आवंटित किए गए फंड का इस्तेमाल राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को कई तरह की पेशन स्कीम के लिए पैसे दिए जाने के लिए होता है। किसी राज्य को कुल आवंटन में से तीन प्रतिशत फंड का इस्तेमाल प्रशासनिक खर्चे के लिए किया गया।
ऑडिट के दौरा पाया गया कि मंत्रालय ने एनएसएपी के लिए आवंटित फंड में से पैसों को दूसरी जगहों पर खर्च किया है। जनवरी 2017 में ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मंत्रालय के सभी कार्यक्रमों/योजनाओं के प्रचार के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में होर्डिंग्स कैंपेन चलाया।”