Kolkata Desk : कलकत्ता हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि CBI कहीं भी कर सकती है जांच, राज्य की अनुमति की जरूरत नहीं है। इससे पहले भी पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के मामले में ‘सहमति’ का तर्क लेकर नवान्न अदालत में गई थी। हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि सीबीआई को राज्य के अधिकार क्षेत्र में किसी भी स्थान की जांच के लिए राज्य की अनुमति लेनी होगी। कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश तीर्थंकर घोष ने विनय मिश्र के मामले में फैसला सुनाते हुए यह बात कही।
राज्य के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों की जांच के लिए अनुमति लेनी होगी। इस संबंध में नवान्न ने 2018 में एक अधिसूचना जारी की थी। अदालत ने टिप्पणी कि इस फैसले का क्या कारण है, इसका कहीं भी उल्लेख नहीं किया गया है। इसलिए इस अधिसूचना की कोई वैधता नहीं है। एकल पीठ न्यायाधीश तीर्थंकर घोष (कलकत्ता उच्च न्यायालय) ने कहा कि सीबीआई किसी भी राज्य में जांच कर सकती है।
गाय और कोयला तस्करी मामले के आरोपियों में से एक विनय मिश्र ने सीबीआई जांच को खारिज करने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय में आवेदन किया था। उस मामले में विनय मिश्र के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत से कहा, ‘विनय इस देश का निवासी नहीं है। अगर सीबीआई उससे पूछताछ करना चाहती हैं तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कर सकती है। सीबीआई के वकील ने बदले में दलील दी कि कोयला और पशु तस्करी मामले में बीएसएफ और रेलवे के अधिकारियों का नाम लिया गया है।
ऐसे में राज्य में ही जांच करनी होगी। कोर्ट में सवाल उठा कि क्या राज्य में जांच के लिए नवान्न से इजाजत लेनी होगी या नहीं। न्यायाधीश ने कहा कि राज्य ने 2018 में जिस अनुमति को वापस लिया, उसका कोई आधार नहीं है। नतीजतन, राज्य में जांच के लिए सीबीआई को अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है।
इससे पहले राज्य ने पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के मामले में ‘सहमति’ का तर्क दिया था। जज ने फैसले में कहा कि सीबीआई की जांच जिस दौर में चल रही है, उसमे विनय मिश्र की याचिका पर प्रतिक्रिया देने का कोई मतलब नहीं है। सीबीआई ने अदालत को कहा था कि विनय से पूछताछ के बाद और भी बड़े नाम सामने आ सकते है। वकीलों को लगता है कि इस फैसले के बाद सीबीआई के लिए अब रास्ता आसान हो गया है।