नारद स्टिंग मामले में सीबीआई ने फिर मैथ्यू सैमुअल को बुलाया

  • किराया देंगे तब आऊंगा : मैथ्यू

कोलकाता। नारद स्टिंग ऑपरेशन को अंजाम देने वाले पत्रकार मैथ्यू सैमुअल को एक बार फिर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने गवाह के तौर पर तलब किया है। हालांकि उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक केंद्रीय एजेंसी उन्हें आने का किराया नहीं देगी तब तक नहीं आएंगे। सीबीआई ने मैथ्यू सैमुअल को 18 सितंबर को कोलकाता के निज़ाम पैलेस कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया है। समन मिलने के बाद सैमुअल ने एक वीडियो संदेश जारी किया है।

उन्होंने कहा कि वह तभी सीबीआई के सामने पेश हो पाएंगे, जब जांच एजेंसी उनके हवाई किराए और कोलकाता में रहने की व्यवस्था करेगी। पत्रकारों को भेजे अपने वीडियो संदेश में सैमुअल ने कहा है, “मुझे सीबीआई के कोलकाता कार्यालय से समन मिला, जिसमें मुझे 18 सितंबर को उपस्थित होने का निर्देश दिया गया।

जब जांच अधिकारी ने मुझसे संपर्क किया, तो मैंने उन्हें स्पष्ट रूप से सूचित किया कि यदि जांच एजेंसी मेरे हवाई टिकट और आवास के लिए भुगतान नहीं करती है, तो मैं नहीं आ पाऊंगा।” उन्होंने आगे कहा, “मैं इस मामले में पहले ही 10 से 12 बार सीबीआई के कोलकाता कार्यालय और दिल्ली में एजेंसी के मुख्यालय के सामने पेश हो चुका हूं, और उन्होंने किसी भी अवसर पर मुझे मुआवजा नहीं दिया है।

इसके अतिरिक्त, सीबीआई और तहलका के पहले के मामलों के दौरान, मैं 500 से अधिक बार सीबीआई और सीबीआई ट्रायल कोर्ट के सामने पेश हुआ हूं। यह रिकॉर्ड में है कि सीबीआई ने मुझे 2007 से 2022 तक कुल 23 हजार रुपये की राशि प्रदान की है। मैंने इस मामले के संबंध में सीबीआई अधिकारियों और ट्रायल कोर्ट में आवेदन दायर किया है, लेकिन एजेंसी ने लगातार उनका विरोध किया है।

सैमुअल ने यह भी कहा कि वह ट्रेन से यात्रा करने में समय बर्बाद नहीं कर सकते क्योंकि वह एक पत्रकार हैं। उन्होंने कहा, मैं विनम्रतापूर्वक निवेदन करता हूं कि सीबीआई को कोलकाता में मेरा हवाई किराया और आवास खर्च वहन करना चाहिए, क्योंकि ट्रेन यात्रा में तीन दिन लगेंगे। एक पत्रकार के रूप में, मैं ट्रेन से यात्रा करते हुए इतनी लंबी अवधि बिताने का जोखिम नहीं उठा सकता।

नारद स्टिंग का वीडियो पश्चिम बंगाल में 2016 के विधानसभा चुनावों से ठीक पहले जारी किए गए थे और इसमें 12 तृणमूल मंत्रियों और नेताओं को एक फर्जी कंपनी के सीईओ बने मैथ्यू सैमुअल के अवैध कारोबार को फैलाने में मदद करने के बदले रिश्वत लेते हुए दिखाया गया था। इसे सैमुअल ने अंजाम दिया था। हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने मामले की जांच शुरू की थी और बाद में 12 तृणमूल नेताओं और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

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