राजीव कुमार झा की कविता : पतझड़

।।पतझड़।। राजीव कुमार झा कोई सबसे पुरानी बात कल सुबह जब याद आई सावन का

राजीव कुमार झा की कविता : पंछी

।।पंछी।। राजीव कुमार झा धूप में हवा के पंख जो सिमटे फागुन में पेड़ों की

डीपी सिंह की रचनाएं

आते ही चुनाव गाँव-गाँव में है काँव-काँव आतिशी प्रपंच कहीं खेड़ा का बखेड़ा है आम

राजीव कुमार झा की कविता : मीठे पानी की धार

।।मीठे पानी की धार।। राजीव कुमार झा सागर तुम किसकी प्यास बुझाते खारे पानी की

कोलकाता में बड़ी ही धूमधाम से ‘हिंदी साहित्य भारती’ की बैठक हुई सम्पन्न

जिनके पास माँ, मातृभूमि एवं मातृभाषा है, वह कभी गरीब नहीं हो सकता’ कोलकाता। रविवार

राजीव कुमार झा की कविता : फागुन

।।फागुन।। राजीव कुमार झा फागुन के मौसम का नया उजाला वसंत नयी यादों को लेकर

राजीव कुमार झा की कविता : वसंत का आगमन

।।वसंत का आंगन।। राजीव कुमार वसंत की हवा सुबह में आयी वह धूप में बदल

अशोक वर्मा “हमदर्द” की कहानी : जवानी की जंग

अशोक वर्मा “हमदर्द”, कोलकाता। आज फिर जया को अपनें जवानी पर तरास आ रहा था,

साहित्य अकादेमी के पूर्वी क्षेत्रीय कार्यालय, कोलकाता द्वारा एक विमर्श का आयोजन किया गया

कोलकाता। साहित्य अकादेमी के पूर्वी क्षेत्रीय कार्यालय, कोलकाता द्वारा ‘साहित्य मंच’ कार्यक्रम के अंतर्गत “बांग्ला

“मेदिनीपुर लिटरेरी मीट” में जुटे नवीन व प्रवीण शब्दकर्मी

तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर। पश्चिम मेदिनीपुर जिला अंतर्गत मेदिनीपुर के युवा कवियों की पहल पर