साहित्यिक संस्था “कलम की धुन” द्वारा स्थापना दिवस पर भव्य काव्य गोष्ठी का आयोजन
हावड़ा। साहित्यिक संस्था “कलम की धुन” द्वारा अपनी स्थापना दिवस पर गजलकार “पुकार गाजीपुरी” की
डॉ. आर.बी. दास की कविता : आदमी भी कितना नादान है
।।आदमी भी कितना नादान है।। डॉ. आर.बी. दास आदमी भी कितना नादान है, मंदिर में
भवानीपुर कॉलेज में इंटर कॉलेज प्रथम यूथ कॉन्क्लेव 24 संपन्न
कोलकाता। भवानीपुर एजुकेशन सोसाइटी कॉलेज परिसर के जुबली सभागार में बीईएससी यूथ कॉन्क्लेव का पहला
डॉ. आर.बी. दास की कविता : अजीब क्यों होता है
।।अजीब क्यों होता है।। डॉ. आर.बी. दास ये आज कल अजीब क्यों होता है, जवाब
डॉ. धनेश द्विवेदी की पुस्तक : ‘मेरी इकतीस लघु कथाएं’
आशा विनय सिंह बैस, नई दिल्ली। आज के ‘जेट युग’ में सबसे कीमती वस्तु समय
थर्ड आई आर्ट्स ग्रुप की पहल के तहत शुरू हुआ भारत-मलेशिया छठा अंतर्राष्ट्रीय कला महोत्सव
तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : थर्ड आई आर्ट्स ग्रुप की पहल के तहत 6वें भारत-मलेशिया
डॉ. आर.बी. दास की कविता : आदत डालो
।।आदत डालो।। डॉ. आर.बी. दास सुनने की आदत डालो, शोर करने वालों की कमी नहीं
डॉ. आर.बी. दास की कविता : कितना कुछ सीखते हैं हम
।।कितना कुछ सीखते हैं हम।। डॉ. आर.बी. दास कितना कुछ सीखते हैं हम अपने ही
विश्व मातृ दिवस पर आभासी संगोष्ठी संपन्न
इंदौर। राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना द्वारा 290वी राष्ट्रीय आभासी संगोष्ठी पदमचंद गांधी जयपुर वरिष्ठ साहित्यकार की
डॉ. आर.बी. दास की कविता : बदलना पड़ता है खुद को
।।बदलना पड़ता है खुद को।। डॉ. आर.बी. दास की कविता पहले ऐसा न था जो