भक्ति साहित्य पर भी मंथन जरूरी, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के व्याख्यानमाला में बोले प्रो. कमलानन्द झा
अंकित तिवारी, प्रयाग : हिन्दी विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित व्याख्यानमाला के प्रथम सत्र में
डीपी सिंह की रचनाएं
नींद आँखों से कहीं पर खो गई है हम जगे हैं, ख़ुद निगोड़ी सो गई
दुर्गेश बाजपेई की कविता प्रणय अशेष
प्रणय अशेष कभी बाग की हरियाली में कभी श्वेत अंबर डाली में छिपा हुआ वो
सोनम यादव की कविता
कहाँ आ गये चलते चलते और कहाँ जाना भूल गए धरती की खुशबू चिड़ियों का
सरिता अंजनी सरस की कविता
मैं किसी अघोषित कविता की घोषित पात्र हूं मेरी उद्घोषणा के लिए ईश्वर ने एक
डॉ. तेजस्विनी दीपक पाटील की कविता
वक्त के साथ तुम, निर्लिप्त से आगे निकल जाते हो। और मैं, अतीत की सिलवटों
सरिता अंजनी सरस की कविता प्रेम और तुम
प्रेम और तुम प्रेम के गहरे क्षणों में मैं महसूस करती हूं तुम्हारा वृक्ष होना
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व्यक्तित्व विकास के लिए नागरी लिपि अत्यंत उपयोगी- डॉ. हरिसिंह पाल
उज्जैन : नागरी लिपि में लिखने से मस्तिष्क के दोनों भागों का विकास होता है।
नीलांबर कोलकाता का ‘रवि दवे स्मृति सम्मान’ चेतना जालान को एवं ‘निनाद सम्मान’ अपराजिता शर्मा को
कोलकाता, 29 नवंबर 2021 : देश की जानीमानी साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था नीलांबर द्वारा नाटक के क्षेत्र
राष्ट्रीय कवि संगम की दूसरी मासिक काव्य-गोष्ठी सम्पन्न
कोलकाता, 28 नवंबर : कृष्णपक्ष नवमी के अवसर पर ‘राष्ट्रीय कवि संगम’ की मध्य कोलकाता