Bengal Election सातवें चरण के चुनाव के लिए प्रचार मुहिम समाप्त

कोलकाता, Bengal Election: देश में कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच हो रहे पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के सातवें चरण के लिए चुनाव प्रचार शुक्रवार को समाप्त हो गया। सातवें चरण के चुनाव के तहत 34 विधानसभा सीटों के लिए 26 अप्रैल को मतदान होगा। इस चरण के लिए प्रचार मुहिम मतदान से 72 घंटे पहले समाप्त हुई। मालदा (भाग एक), कोलकाता दक्षिण, मुर्शिदाबाद (भाग एक), पश्चिम वर्द्धमान (भाग एक) और दक्षिण दिनाजपुर जिलों के 34 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 86,78,221 मतदाता मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे। इनमें 44,44,634 पुरुष, 42,33,358 महिलाएं और 229 तीसरे लिंग के मतदाता हैं।

मुर्शिदाबाद और पश्चिम वर्द्धमान जिलों के नौ-नौ, दक्षिण दिनाजपुर और मालदा जिलों के छह-छह तथा कोलकाता दक्षिण के चार विधानसभा क्षेत्रों में 12,068 मतदान केंद्रों में सुबह सात बजे से शाम साढ़े छह बजे तक मतदान होगा।समसेरगंज और जंगीपुर में दो उम्मीदवारों के निधन के बाद इन दोनों सीटों पर मतदान को स्थगित कर दिया है। इन दोनों सीटों पर मतदान के लिए 16 मई की तारीख तय की गई है।

इस चरण में शहर के दक्षिणी हिस्से, खासकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के गढ़ भवानीपुर की सीटों पर मुख्य रूप से ध्यान केंद्रित होगा। ममता बनर्जी इस बार नंदीग्राम से चुनावी मैदान में उतरी हैं, लेकिन उन्होंने अपनी पार्टी के वरिष्ठतम नेताओं में शामिल शोभनदेव चट्टोपाध्याय को भवानीपुर से उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने अभिनेता से नेता बने रुद्रनील घोष को इस सीट से खड़ा किया है।

भगवा दल ने रासबिहारी से लेफ्टिनेंट जनरल सुब्रत साहा को तृणमूल कांग्रेस के देबाशीष कुमार के खिलाफ खड़ा किया है। कोलकाता पोर्ट क्षेत्र में राज्य के मंत्री एवं शहर के महापौर फरहाद हकीम के सामने भाजपा के अवध किशोर गुप्ता और कांग्रेस के मोहम्मद मुख्तार की चुनौती होगी। इनके अलावा बालुरघाट, मालदा, चंचल, हरिश्चंद्रपुर, लालगोला, मुर्शिदाबाद और फरक्का क्षेत्रों पर भी लोगों का ध्यान केंद्रित रहेगा।

देश भर में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच निर्वाचन आयोग ने राज्य में रोड शो और वाहन रैलियों को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित कर दिया है। आयोग ने 500 से अधिक लोगों की जनसभा को भी प्रतिबंधित कर दिया है।ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी ने अपनी सभी रैलियां रद्द कर दीं और उन्हें डिजिटल तरीके से आयोजित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 23 अप्रैल को डिजिटल रैली की। इस चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा और तृणमूल ने एक-दूसरे पर निशाना साधा।

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