कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार, जो पहले से ही शिक्षा क्षेत्र में भर्ती अनियमितताओं से संबंधित कई घोटालों से जूझ रही है, को शुक्रवार को एक और झटका लगा। दरअसल, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने अग्निशमन सेवा विभाग में 1,500 नई भर्तियों के 2018 के पूरे पैनल को रद्द करने का आदेश दिया। यह कदम भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोपों के बाद उठाया गया है। कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस हरीश टंडन और जस्टिस प्रसेनजीत बिस्वास की खंडपीठ ने पूरे पैनल को रद्द करते हुए आदेश दिया कि उस पैनल से एक भी भर्ती नहीं की जा सकती है।
खंडपीठ ने राज्य अग्निशमन सेवा विभाग को इस मामले में अनियमितताओं के आरोपों की पूरी तरह से समीक्षा करने के बाद अगले दो महीने के भीतर एक नया पैनल प्रकाशित करने का निर्देश दिया। 2018 में, राज्य अग्निशमन सेवा विभाग ने 1,500 फायर ऑपरेटरों की भर्ती के लिए एक अधिसूचना जारी की।
लिखित परीक्षा और साक्षात्कार आयोजित किए गए और पैनल प्रकाशित किया गया। इसके बाद परीक्षा और साक्षात्कार के लिए उपस्थित होने वाले कई उम्मीदवारों ने भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। इस मामले में मुख्य रूप से राज्य अग्निशमन विभाग के खिलाफ तीन आरोप थे।
पहला आरोप यह था कि सामान्य वर्ग के कई उम्मीदवारों को अवैध रूप से आरक्षित वर्ग के तहत भर्ती कराया गया था। दूसरा आरोप यह था कि लिखित परीक्षा के प्रश्नों में कुछ बड़ी गलतियों को नजरअंदाज कर भर्ती प्रक्रिया को जारी रखा गया था। तीसरा आरोप यह था कि लिखित परीक्षा में समान अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को साक्षात्कार में कुछ उम्मीदवारों को वरीयता दी जाती थी।