Kolkata Desk : सारधा में जमाकर्ताओं के रुपये लौटाने के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट एक कमेटी गठित करने पर विचार कर रहा है। आरोपियों में से एक देवयानी मुखर्जी को राज्य के सभी मामलों में जमानत मिल चुकी है। सूत्रों की माने तो कलकत्ता हाईकोर्ट सारधा में जमाकर्ताओं को पैसा लौटाने के लिए कमेटी गठित कर सकता है। हालांकि अभी यह तय नहीं हो पाया है कि कमिटी कब, कैसे और किसके नेतृत्व में बनाई जाएगी।
इस मामले को गुजरते हुए आठ साल हो चुके हैं। देवयानी मुखर्जी को आखिरकार शारदा मामले में जमानत मिल चुकी है। उन्हें कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल के सभी मामलों में जमानत दे दी है।
कोर्ट सूत्रों के मुताबिक शारदा ग्रुप की सेकेंड इन कमांड को 2 लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी गई है। कोर्ट ने शर्त रखी है कि देवयानी उस थाना क्षेत्र से बाहर नहीं जा सकती, जहां वह रहती है।
साथ ही सप्ताह में एक दिन सीबीआई के जांच अधिकारियों से मिलना होगा। जेल से बाहर रहते हुए वह किसी गवाह से संपर्क अथवा संपर्क करने की कोशिश भी नहीं कर सकती है। श्यामल सेन कमेटी ने शारदा मामले की फाइनल जांच रिपोर्ट हाईकोर्ट में दाखिल की है, वह रिपोर्ट अभी भी हाई कोर्ट में रजिस्ट्रार के पास क्यों पड़ी है?
यह सवाल हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल ने पूछा है। कोर्ट ने पूछा कि श्यामल सेन कमेटी की मियाद पूरी होने के बाद जो 138 करोड़ रुपये थे और राज्य ने अपनी जरूरतों के लिए जिसे इस्तेमाल किया, वह रुपया जमाकर्ताओं को क्यों नहीं दिया जा सकता?अगली सुनवाई 29 जुलाई को होगी।