कोलकाता : कलकत्ता उच्च न्यायालय ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक चिकित्सक के साथ कथित बलात्कार और हत्या के मामले तथा संस्थान में उपद्रवियों की तोड़फोड़ को लेकर विभिन्न जनहित याचिकाओं पर संयुक्त सुनवाई यह कहते हुए चार सितंबर तक स्थगित कर दी कि उच्चतम न्यायालय इस मामले पर पहले ही सुनवाई कर रहा है।
अस्पताल में प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ कथित बलात्कार और हत्या की घटना के विरोध में देशभर में जारी प्रदर्शनों के बीच उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को चिकित्सकों और स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा तथा सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए एक राष्ट्रीय प्रोटोकॉल विकसित करने के वास्ते 10 सदस्यीय कार्य बल गठित किया।
न्यायालय ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और पश्चिम बंगाल सरकार से इस मामले की अपनी अलग-अलग जांच की प्रगति पर 22 अगस्त को स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए भी कहा।
उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश टी एस शिवज्ञानम की अध्यक्षता वाली एक खंडपीठ ने कहा कि चूंकि इस मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय के आदेश में वे सभी पहलू शामिल हैं जो उच्च न्यायालय के समक्ष हैं तो वह कोलकाता के सरकारी अस्पताल में घटनाओं के संबंध में उसके समक्ष आईं 14 जनहित याचिकाओं पर सुनवाई चार सितंबर तक स्थगित कर रहा है।
पीठ में न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य भी शामिल हैं। पीठ ने सभी से पीड़िता की पहचान उजागर करने से बचने का अनुरोध दोहराया। एक वकील ने अदालत में कहा था कि इस संबंध में 13 अगस्त के उसके आदेशों के बावजूद सोशल मीडिया पर महिला चिकित्सक का नाम और तस्वीरें प्रसारित हो रही हैं।
उच्च न्यायालय ने महिला चिकित्सक के साथ कथित बलात्कार और हत्या के मामले की जांच कोलकाता पुलिस से सीबीआई को सौंपने का 13 अगस्त को आदेश दिया था।
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