Kolkata Desk : राज्य में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि बंगाल में टीकाकरण पूरा होने पर ही उपचुनाव हो, भाजपा को फॉलो करें और किसी विधायक को मुख्यमंत्री बनाएं। साथ ही शुभेंदु अधिकारी ने याद दिलाया कि राज्य में राजनीतिक रैलियों पर प्रतिबंध है अतः टीकाकरण पूरा होने पर ही चुनाव हो। उपचुनाव तब तक नहीं होने चाहिए जब तक कि राज्य में सभी वयस्कों को पूरी तरह से टीका नहीं लगाया जाता है। यह बात विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने शुक्रवार को फिर कही।
उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस को उत्तराखंड में भाजपा के फैसले का अनुसरण करना चाहिए और विधायकों में से ही किसी को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए।शुभेंदु अधिकारी ने कहा, ‘प्रवक्ताओ ने वही कहा है जो पार्टी सोचती है। मैं पहले भी कह चुका हूं और अब भी कह रहा हूं कि स्थिति सामान्य नहीं है। इसीलिए गृह मंत्रालय ने पूरे अगस्त महीने में आंशिक लॉकडाउन जारी रखने को कहा है।
राज्य के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रतिबंध 15 अगस्त तक चलेगा। सरकारी कार्यक्रमों के लिए खाली हॉल में 50 प्रतिशत सीटों के साथ छूट दी गई है। रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू जारी है। स्कूल-कॉलेज नहीं खोले जा सकते। धार्मिक जुलूसों पर रोक लगी हुई है अतः राज्य सरकार ने भी माना है कि कोरोना की स्थिति अभी भी मौजूद है।
विपक्षी नेता ने यह भी याद दिलाया कि राज्य में राजनीतिक रैलियों पर प्रतिबंध है। उन्होंने कहा, ‘राज्य सरकार खुद कह रही है कि राजनीतिक बैठकें और रैलियां नहीं की जा सकतीं तो वोट कैसे होगा? चुनाव का मतलब राजनीतिक दलों की भागीदारी है। नेताओं द्वारा प्रचार करना है। अगर उस पर ही नियंत्रण किया गया तो कहा जा सकता है कि चुनाव या उपचुनाव का माहौल नहीं है। ऐसा सरकार की गाइडलाइंस कहती है। मुझे नहीं लगता कि 18 साल से अधिक उम्र के लोगों का टीकाकरण पूरा होने तक जनहित में उपचुनाव होने चाहिए, इसे मैने पहले भी कहा है।’
उल्लेखनीय है कि ममता बनर्जी को 6 महीने के भीतर चुनाव लड़ना होगा क्योंकि वह नंदीग्राम में चुनाव हार गई थीं। इसे उल्लेख करते हुए शुभेंदु अधिकारी ने कहा, ‘नंदीग्राम के लोगों ने 1956 वोटों से अविधायक मुख्यमंत्री को हराया है। इसे लेकर तृणमुल में चिंता हो सकती है। मैं उन्हें बीजेपी का अनुसरण करने के लिए कहूंगा, जिन्होंने कुछ दिन पहले उत्तराखंड में अविधायक को हटाकर एक विधायक को मुख्यमंत्री बनाया।
तृणमूल ने चुनाव के दौरान मद्रास उच्च न्यायालय के अवलोकन पर प्रकाश डाला था। उन्होंने कहा था कि भाजपा के बाहरी प्रचारकों और अर्धसैनिक बलों के जवानों ने ही कोरोना फैलाया है अतः अब तृणमूल के लिए उचित यही होगा कि टीकाकरण पूरा होने के बाद ही उपचुनाव की मांग करे। उनके पास अनेक विधायक हैं, उनमें से एक को मुख्यमंत्री बनाएं।
बंगाल में कोरोना संक्रमण काफी कम होने पर ममता बनर्जी ने जल्द उपचुनाव की मांग की है। उपचुनाव की मांग को लेकर तृणमूल के प्रतिनिधि दिल्ली में राष्ट्रीय चुनाव आयोग के पास भी गए थे। हालांकि बीजेपी कोरोना की इस स्थिति में राज्य में उपचुनाव नहीं चाहती है। हालाकि उपचुनाव केंद्रों की तैयारी के लिए चुनाव आयोग पहले ही दिशा-निर्देश भेज चुका है।