Kolkata: भवानीपुर उपचुनाव में तृणमूल की प्रत्याशी ममता बनर्जी निस्संदेह भारी-भरकम उम्मीदवार हैं। यह जानते हुए भी कि लड़ाई काफी कठिन है, भाजपा प्रत्याशी प्रियंका टिबरेवाल समेत प्रदेश भाजपा चुनाव प्रचार में सत्ताधारी दल को जोरदार टक्कर दे रहे हैं।
‘भ से भवानीपुर’ और ‘भ से भारत’। भवानीपुर में जीत के बाद तृणमूल नेता ममता बनर्जी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली की गद्दी से बीजेपी को हटाने की आवाज दी है। दूसरी ओर शुवेंदु अधिकारी और दिलीप घोष ने नंदीग्राम को दोहराने की चुनौती दी है और उनका दांव नवागंतुक प्रियंका टिबरेवाल है।
भाजपा-तृणमूल में चुनावी जंग के बीच माकपा उम्मीदवार श्रीजीब विश्वास हैं। दक्षिण कोलकाता हमेशा से ही तृणमूल के गढ़ के रूप में जाना जाता रहा है। और भवानीपुर के घर की बेटी राज्य की मुख्यमंत्री हैं। इस केंद्र में 2011 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल उम्मीदवार सुब्रत बक्शी को 87,903 वोट मिले थे।
उसी साल 2011 के विधानसभा उपचुनाव में ममता बनर्जी को 73,635 वोट मिले थे। 2016 में ममता को 65,520 वोट मिले थे। हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में तृणमूल उम्मीदवार शोभनदेव चट्टोपाध्याय को 73,505 वोट मिले।
भवानीपुर में समयानुसार भाजपा की ताकत क्रमशः बढ़ी है। वहीं 2011 के बाद से सभी चुनावों में वामपंथिओ और कांग्रेस के लिए क्रमशः पतन का रहा है। उनके स्थान को भाजपाइयों ने कब्जा कर लिया है। 2011 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रामचंद्र जायसवाल को 5,078 वोट मिले थे। 2016 के चुनाव में भाजपा उम्मीदवार नेताजी के भतीजे चंद्र बोस को 26,999 वोट मिले थे। 2021 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रुद्रनील घोष को 44,786 वोट मिले थे।
हालांकि 2021 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल ने 213 सीटें जीती थीं, लेकिन नंदीग्राम में ममता हार गईं। भाजपा भी इस उपचुनाव में ममता बनर्जी को हराना चाहती है। जिससे कि 2024 से पहले ममता जिस तरह से विपक्ष का चेहरा बन रही हैं उसे रोका जा सके। वहीं भवानीपुर सीट 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले तृणमूल के लिए शंखनाद का मंच बन गया है। अतः यह एक उप-चुनाव के बावजूद, व्यापक संदर्भ में भवानीपुर का शाब्दिक अर्थ ‘भ से भारत’ है।