लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव में मत विभाजन नहीं कराने से साफ हो गया कि सरकार के पास संख्या नहीं: टीएमसी

नयी दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने बुधवार को कहा कि कार्यवाहक अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) भर्तृहरि महताब ने लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव में कई विपक्षी सांसदों की मांग के बावजूद मत विभाजन की अनुमति नहीं दी, जो इस बात का प्रमाण है कि सरकार के पास पर्याप्त संख्या नहीं है।

बनर्जी ने संसद के बाहर संवाददाताओं से कहा कि नियमों के मुताबिक, अगर एक भी सदस्य मत विभाजन की मांग करता है तो भी इसे कराना होता है। बनर्जी का कहना था, ”आप लोकसभा के फुटेज में स्पष्ट रूप से देख और सुन सकते हैं कि विपक्ष के कई सदस्यों ने मतविभाजन मांगा और मांगा।”

उन्होंने दावा किया, ”प्रस्ताव को मतदान के बिना ही स्वीकार कर लिया गया। यह इस तथ्य का स्पष्ट प्रमाण है कि सत्तारूढ़ दल, भाजपा, के पास संख्या नहीं है… यह सरकार बिना संख्या के चल रही है। यह अवैध, नीतिविरुद्ध, अनैतिक और असंवैधानिक है। देश की जनता ने उन्हें पहले ही बाहर का रास्ता दिखा दिया है, यह बस समय की बात है कि उन्हें फिर से बाहर का रास्ता दिखाया जाए।”

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार ओम बिरला को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव को ध्वनि मत के माध्यम से पारित किए जाने के बाद लोकसभा अध्यक्ष चुना गया। कार्यकारी अध्यक्ष भर्तृहरि महताब ने यह घोषणा तब की जब विपक्ष ने प्रस्ताव पर मत विभाजन के लिए दबाव नहीं डाला।

विपक्ष द्वारा मतविभाजन के लिए दबाव नहीं डाले जाने के बारे में पूछे जाने पर बनर्जी ने कहा, ”सवाल यह नहीं है कि मत विभाजन कितनी मजबूती से मांगा गया था। नियम कहता है कि भले ही 500 में से एक व्यक्ति भी मतविभाजन की मांग करता हो, तो इसकी अनुमति देनी होगी।”

उन्होंने कहा, ”केवल प्रोटेम स्पीकर ही स्पष्ट कर सकते हैं कि मतविभाजन की अनुमति क्यों नहीं दी गई। वह आसन पर बैठे थे और इसलिए वही जवाब दे सकते हैं।”

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