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नयी दिल्ली : केंद्रीय बजट में मंगलवार को बिहार के लिए कई बड़े कदम उठाए गए। इनमें राज्य में विभिन्न परियोजनाओं के लिए 60,000 करोड़ रुपये से अधिक के परिव्यय का प्रस्ताव किया गया। इनमें तीन एक्सप्रेसवे, एक बिजली संयंत्र, विरासत गलियारों, नए हवाई अड्डे एवं खेल बुनियादी ढांचे के लिए योजनाओं की रूपरेखा पेश की गई।
आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तीन सड़क संपर्क परियोजनाओं – पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे, बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे, तथा बोधगया, राजगीर, वैशाली और दरभंगा एक्सप्रेसवे और बक्सर में गंगा नदी पर एक अतिरिक्त दो-लेन पुल के विकास के लिए केंद्र के समर्थन की घोषणा की।
सीतारमण ने कहा कि इन चार परियोजनाओं की कुल लागत 26,000 करोड़ रुपये होगी।
बिहार के लिए अन्य सौगातों में भागलपुर जिले के पीरपैंती में 2,400 मेगावाट का विद्युत संयंत्र स्थापित करना शामिल है, जिसपर 21,400 करोड़ रुपये की लागत आएगी। सरकार बिहार में हवाई अड्डे, मेडिकल कॉलेज और खेल संबंधी बुनियादी ढांचा भी स्थापित करेगी।
इसके अलावा, केंद्र बिहार की बाढ़ में भी मदद करेगा। बिहार नेपाल से निकलने वाली कई नदियों की बाढ़ से अक्सर पीड़ित रहता है। कोसी से संबंधित बाढ़ नियंत्रण और सिंचाई परियोजनाओं का सर्वेक्षण और जांच भी की जाएगी।
सरकार बाढ़ से निपटने के लिए राज्य को 11,500 करोड़ रुपये उपलब्ध कराएगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार बहुपक्षीय विकास एजेंसियों की सहायता से बिहार को वित्तीय सहायता की व्यवस्था करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य में राजमार्गों के लिए 20,000 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे।
सीतारमण ने कहा, “बिहार में नए हवाई अड्डों और खेल अवसंरचना का निर्माण किया जाएगा तथा पूंजीगत निवेश को समर्थन देने के लिए अतिरिक्त आवंटन प्रदान किया जाएगा…। बहुपक्षीय विकास बैंकों से बाह्य सहायता के लिए बिहार सरकार के अनुरोध पर शीघ्र कार्रवाई की जाएगी।”
देश के पूर्वी भाग को संपदा से समृद्ध बताते हुए उन्होंने कहा, “हम गया में औद्योगिक ‘नोड’ के निर्माण का समर्थन करेंगे…यह हमारे सांस्कृतिक महत्व के प्राचीन केंद्रों को आधुनिक अर्थव्यवस्था के भविष्य के केंद्रों के रूप में विकसित करने के लिए एक अच्छा मॉडल भी होगा।”
यह मॉडल वृद्धि पथ में ‘विकास भी विरासत भी’ प्रदर्शित करेगा। इसके अलावा, बजट में राजगीर के लिए एक व्यापक विकास पहल का भी प्रस्ताव किया गया। राजगीर हिंदुओं, बौद्धों और जैनियों के लिए धार्मिक महत्व रखता है। सीतारमण ने घोषणा की कि सरकार बिहार के नालंदा को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने में भी सहयोग करेगी।
उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार नालंदा विश्वविद्यालय को उसका गौरवशाली स्वरूप प्रदान करने के अलावा नालंदा को पर्यटन स्थल केंद्र के रूप में भी विकसित करने में सहयोग करेगी।’ वित्त मंत्री ने बिजली परियोजनाओं के बारे में भी बात की। इसमें पीरपैंती (बिहार) में 2,400 मेगावाट बिजली संयंत्र की स्थापना भी शामिल है, जिस पर 21,400 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
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