कोलकाता। पश्चिम बंगाल के सुंदरवन के जंगल वाले इलाके में तस्करों के मनसूबों को नाकाम करने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने बड़ी तैयारी की है। केंद्रीय अर्धसैनिक बल के एक प्रवक्ता ने सोमवार सुबह बताया कि इस क्षेत्र में और अधिक संख्या में जवानों की तैनाती होगी और गस्ती भी बढ़ाई जाएगी।
हाल फिलहाल में सुंदरवन के जंगलों और नदी के जरिए मवेशियों की तस्करी की कोशिश को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। बीएसएफ की पूर्वी कमान के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) रवि गांधी ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सुंदरवन मैंग्रोव क्षेत्र की व्यापक समीक्षा की है।
अर्धसैनिक बल के प्रवक्ता ने कहा कि सेक्टर मुख्यालय कोलकाता के उपमहानिरीक्षक (डीआईजी ) और 118 बटालियन के अधिकारियों के साथ गांधी ने सुंदरवन में टी-जंक्शन से लेकर सुदूरवर्ती सीमा चौकी कृष्णा और आगे सुंदरवन क्षेत्र के भीतर वन चौकी बुरिदाबारी तक फैले प्रमुख रणनीतिक स्थानों का निरीक्षण किया।
यह यात्रा परिचालन तत्परता और वर्तमान सुरक्षा उपायों की प्रभावशीलता का आकलन करने पर केंद्रित थी। इस दौरे के दौरान बटालियन कमांडर द्वारा सुंदरवन क्षेत्र में 118 बटालियन के अधिकार क्षेत्र में आने वाली सभी अस्थायी सीमा चौकियों सहित प्रमुख स्थानों के बारे में व्यापक जानकारी दी गई।
उल्लेखनीय है कि बीएसएफ के दक्षिण सीमांत इलाके में पूर्व डीआईजी एस एस गुलरिया की तैनाती के बाद वर्ष 2019 से लेकर अब तक भारत बांग्लादेश सीमा पर मवेशियों की तस्करी नहीं हो पाई है। क्योंकि उन्होंने मवेशी तस्करी गिरोह की जड़ें खोद दी थी जो पश्चिम बंगाल के साथ-साथ बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश तक फैली थीं।
उन्होंने मवेशियों की तस्करी के पूरे नेटवर्क को ध्वस्त किया था। इसके बाद अब बीएसएफ के लिए यह ट्रेंड बरकरार रखना एक बड़ी चुनौती है। इसके बाद ही यहां सुरक्षा को और अधिक मजबूत बनाने का निर्णय लिया गया है।
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