जयपुर। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (जेएलएफ) के पहले दिन लेगेसी ऑफ वायलेंस सेशन में सांसद शशि थरूर ने कहा कि ब्रिटिश काल के दौरान अंग्रेजों ने भारत में माफिया राज शुरू किया था। उस वक्त ही जलियांवाला बाग कांड को अंजाम दिया था। इसको कभी भी नहीं भुलाया जा सकता है। उन्होंने नस्लभेद का जिक्र करते हुए कहा कि ब्रिटेन के राजनीतिज्ञों को समझ आया कि वर्तमान हालात में कोई ब्राउनमैन ही उन्हें आर्थिक संकट से बाहर निकाल सकता है। यही कारण है कि ऋषि सुनक वहां प्रधानमंत्री बन गए, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि ब्रिटेन में नस्लभेद खत्म हो गया है।
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में ‘ बी आर आंबेडकर-लाइफ एंड टाइम्स’ में शशि थरूर और एंटी कास्ट स्कॉलर सुमित समोस ने हिंदुत्व के मुद्दे पर चर्चा की। सांसद थरूर ने भारत में सोशल रिफार्म को लेकर अपनी बात कही। उन्होंने डॉ. भीमराव अंबेडकर और नेहरू की ओर से लाए गए हिंदू बिल कोड के पीछे उनकी क्या मंशा थी, इसको बताने का प्रयास किया। उन्होंने बताया कि देश में वन पर्सन वन वोट को अधिकार तो मिल गया, लेकिन नेहरू और अंबेडकर चाहते थे कि वन वर्सन वन वैल्यू की अवधारणा को मजबूती से लागू किया जाए।
थरूर ने भारत की शख्सियत अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन, भीमराव अंबेडकर, महात्मा गांधी का दुनिया में वर्चस्व का जिक्र किया। सेशन में सुमित समोस ने भी अंबेडकर के विचार को रखा। समोस ने कहा कि अंबेडकर सिर्फ एक विचार को मानने वाले संगठन को सही नहीं मानते थे। सन 1950 में अंबेडकर ने आरएसएस, अकाली दल, हिंदू महासभा जैसे संगठनों पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि इन संगठनों को अंबेडकर खतरनाक मानते थे।