सीमा सुरक्षा बल ने एक बांग्लादेशी महिला को मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया

  • नौकरी का झांसा देकर करवाते थे वेश्यावृत्ति का काम

उमेश तिवारी, कोलकाता : 14 अप्रैल, 2021 को सीमा सुरक्षा बल दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के जवानों ने 1 बांग्लादेशी महिला को उस समय हिरासत में लिया जब उसे सीमा चौकी बिथारी, 112 वाहिनी के क्षेत्र से मानव तस्करों द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पार करवा कर गैर कानूनी तरीके से भारत से बांग्लादेश भेजा जा रहा था।

सीमा सुरक्षा बल, सीमा चौकी बिथारी, 112 वाहिनी, सेक्टर कोलकाता के जवानों ने लगभग 22:15 बजे रात्रि ड्यूटी में कुछ व्यक्तियों की संधिग्ध हरकत को देखा, जब पार्टी नजदीक पहुंची तो व्यक्ति (दलाल) महिला को छोड़ कर भाग गया, बांग्लादेशी महिला जो भारतीय दलाल की मदद से अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पार करने की कोशिश कर रही थी उसे जवानों ने तुरंत हिरासत में ले लिया।

जवानों द्वारा महिला को कुशलतापूर्वक सीमा चौकी बीथारी में पूछ्ताछ के लिए लाया गया। प्रारम्भिक पूछ्ताछ के दौरान महिला ने अपनी पहचान रजिया सुल्ताना (काल्पनिक नाम), उम्र लगभग 25 साल, जिला पंचगढ, (बांग्लादेश) के रूप में बताया।

पूछ्ताछ के दौरान महिला ने खुलासा किया कि वह एक बांग्लादेशी नागरिक है। उसने आगे खुलासा किया कि 4 साल पहले उसने कामरूल नाम के बांग्लादेशी नागरिक से शादी की थी। उसका एक लड़का भी है। आगे उसने बताया कि वह ढाका में सिलाई का काम करती थी। वहां उसे संता और शोना नाम की लड़िकयां मिली। उन लड़कियों के माध्यम से उसने बॉबी नाम के एक बांग्लादेशी दलाल से बात की।

दलाल ने उसे हर महीना रुपए 30,000 की भारत में नौकरी दिलाने का लालच दिया। लालच में आकर उसने वह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया और 2 महीने पहले उक्त 2 लड़कियों और दलाल के साथ गैरकानूनी तरीके से अंतर्राष्ट्रीय सीमा को पार करके कोलकाता आईं। आगे उसने बताया कि बॉबी दलाल उन्हें एक कमरे में लेकर गया।

जहां उसने नौकरी के एवज में वेश्यावृति का काम करने का दबाव दिया, पहले तो उसने इस काम के लिए मना कर दिया और निवेदन किया उसे वापिस बांग्लादेश भेज दिया जाए, लेकिन दलाल ने उसे सिर्फ 2 महीने तक यह काम करने के लिए बोला और कहा कि उसके बाद वह उसे छोड़ देगा।

आगे उसने बताया कि इसके अलावा कोई उपाय ना मिलने पर वह काम करने को राजी हुई। आज वह 2 महीने पूरे होने के बाद आशिक नाम के भारतीय दलाल की मदद से बांग्लादेश जा रही थी, लेकिन सीमा सुरक्षा बल के सतर्क जवानों ने उसे सीमा पार करते हुए पकड़ लिया। आगे उसने खुलासा किया कि इस काम के लिए उसने उक्त दलाल को 7,000 रुपए दिए थे।

एन० जी०ओ० संलाप की गहन पूछताछ के बाद पता चला कि यह एक मानव तस्करी का मामला है, पकड़ी गई महिला को आगे की कानूनी कार्यवाही के लिए पुलिस स्टेशन स्वरूपनगर को सौंप दिया गया।
112 वी बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर अरूण कुमार ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हो रहे ऐसे घिनौने अपराधों की कड़ी निंदा करते हुए बताया कि अक्सर दलाल भोली-भाली बांग्लादेशी लड़कियों को ज्यादा पैसों का लालच देकर उन्हें देह व्यापार की दलदल में धकेल, इनके भविष्य से खिलवाड़ करते हैं।

बांग्लादेशी लड़कियां इन कुख्यात तस्करों के जाल में फस जाती हैं। साउथ बंगाल फ्रंटियर ने इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट को अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक्टिव किया हुआ है, जो लगातार लड़कियों को तस्करों के चंगुल से आजाद कराने में लगी हुई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

sixteen + four =