काली दास पाण्डेय, मुंबई : अर्थपूर्ण व्यावसायिक फिल्मों के निर्माण की दिशा में पिछले 6 वर्षों से अग्रसर बैनर केप ऑफ गुड फिल्म्स 2022 में अपनी नई योजनाओं के साथ सिनेदर्शकों के लिए वैसे प्रोजेक्ट पेश करने के लिए गतिशील है जो पुरानी परम्पराओं से अलग हट कर नई धारणाओं को चुनौती देने साथ साथ दर्शकों को फिल्मों से और अधिक प्यार करने के लिए प्रेरित करेगी। 2009 में स्थापित, इस बुटीक कंटेंट हाउस ने ऐसी फिल्में बनाने के लिए काम करना शुरू कर दिया जो समाज को मनोरंजन के साथ साथ एक नई दिशा प्रदान करने में सहायक साबित हो।
पिछले छह वर्षों में, एयरलिफ्ट (2016), टॉयलेट: एक प्रेम कथा (2017) और मिशन मंगल (2019) से लेकर राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता और समीक्षकों द्वारा प्रशंसित फिल्में जैसे रुस्तम (2016) पैडमैन (2018), चुम्बक (2017), व्यावसायिक ग्रॉसर्स फिल्में केसरी, गुड न्यूज (दोनों 2019) और 2021 की सबसे बड़ी हिट सूर्यवंशी – सब केप ऑफ गुड फिल्म्स के तहत थी।
केप की पाथ ब्रेकिंग फिल्मों में नाम शबाना (2017) और दुर्गमती : द मिथ (2020) भी शामिल हैं। इस कंपनी की फिल्म लक्ष्मी (2020) और हाल ही में रिलीज़ हुई अतरंगी रे (2021) भी ओटीटी प्लेटफार्मों पर सारे रिकॉर्ड तोड़कर सबसे ज्यादा देखी जाने वाली फिल्में साबित हो रही है। इतना ही नहीं इस बैनर के तले निर्मित म्यूजिक वीडियो ‘फिलहाल’ और ‘फिलहाल 2’ के रिकॉर्ड्स की बात करें तो इंडस्ट्री में यह उच्चतम स्थान पर विराजमान है।
अभिनेता अक्षय कुमार और राणा राकेश बाली द्वारा संयुक्त रूप संचालित केप ऑफ गुड फिल्म्स प्रोडक्शन हाउस फ़िलवक्त ‘रक्षा बंधन’, ‘राम सेतु’ और ‘OMG 2’ जैसी लोकप्रिय फिल्मों को पेश करने के लिए तत्पर है। बकौल केप ऑफ गुड फिल्म्स कंपनी के पार्टनर राणा राकेश बाली प्रत्येक मर्मस्पर्शी कहानी को सिनेमा के माध्यम से ही बताया जा सकता है, बशर्ते यह है कि आप जिन दर्शकों के लिए फिल्म बना रहे हैं, उन्हें ध्यान में रखते हुए स्क्रीन पर नज़र आने वाले कैरेक्टर्स के साथ संवेदनशील व्यवहार करें।
सिनेदर्शकों की ज़मात कोई भी थिएटर में अपनी मेहनत की कमाई देकर, सबक सिखने के लिए नहीं आता है, यदि आप गंभीरता पूर्वक कुछ संदेश देना चाहते हैं, तो उसे इस तरह से स्क्रीन पर चित्रित करें कि दर्शक मुस्कुराते हुए सहज रूप से मुद्दा को समझ लें और यही केप ऑफ गुड फिल्म्स का मूल मंत्र है।