पोस्टमार्टम से पहले ही मॉर्ग से प्रयोगशाला ले गए शव, मानवाधिकार आयोग ने तीन डॉक्टरों को नोटिस भेजा

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के आरजीकर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मॉर्ग में रखे शवों को पोस्टमार्टम से पहले ही प्रयोगशाला में ले जाकर उसे पर प्रयोग करने वाले तीन डॉक्टरों को राज्य मानवाधिकार आयोग ने नोटिस भेजा है। दरअसल मेडिकल कॉलेज के छात्रों को व्यवहारिक ज्ञान देने के लिए कई बार पार्थिव शरीर को ले जाकर उस पर प्रयोग करवाया जाता है।

आरोप है कि पुलिस की अनुमति के बगैर मेडिकल कॉलेज के अध्यक्ष डॉक्टर संदीप घोष, ईएनटी विभाग के डॉक्टर देवव्रत दास और फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के चिकित्सक डॉक्टर सौम्याव्रत पांजा ने कथित तौर पर प्राचार्य की अनुमति से ऐसा किया। इन तीनों को नोटिस भेजा गया है।

इन्होंने मानवाधिकार आयोग को पत्र भेज कर और एक महीने का वक्त मांगा है। गत पांच जनवरी को अस्पताल के ईएनटी विभाग में एंडोस्कोपिक साइनस सर्जरी पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया था। उसके लिए डेड बॉडी की जरूरत थी। पुलिस की अनुमति के बगैर शव ले जाया गया था।

आरोप है कि मृतक के परिजनों या पुलिस को भी जानकारी नहीं दी गई थी। एक दो नहीं पांच शव ले जाए गए थे। इसमें हुगली के दुर्घटनाग्रस्त प्रशांत कुमार दास (40 साल) का शव भी था है। उनके परिजन अभिजीत कर्मकार ने इसे लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और मानवाधिकार आयोग को ईमेल के जरिए शिकायत की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

3 + three =