वाशिंगटन। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और उनके पाकिस्तानी समकक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी के बीच बातचीत के दौरान भारत के साथ ‘‘जिम्मेदारीपूर्ण संबंध’’ के महत्व और इस्लामाबाद पर चीन के बढ़ते कर्ज के समाधान के मुद्दे पर मुख्य रूप से चर्चा हुई। विदेश मंत्रालय के ‘फॉगी बॉटम’ मुख्यालय में बैठक के दौरान ब्लिंकन ने यह भी कहा कि अमेरिका और पाकिस्तान आतंकवाद से मुकाबले के मुद्दे पर काम करते रहेंगे।
ब्लिंकन ने अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों के 75 साल पूरे होने पर यहां आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘आज हमारी चर्चा में हमने भारत के साथ जिम्मेदारीपूर्ण संबंध के महत्व पर बात की और हमने अपने सहयोगी से कर्ज राहत तथा इससे जुड़े कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर चीन को शामिल करने को कहा ताकि पाकिस्तान बाढ़ से हुए नुकसान से जल्द उबर सके।’’
कश्मीर मुद्दे और पाकिस्तान की ओर से होने वाले सीमा पार आतंकवाद को खत्म करने के मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते तनावपूर्ण रहे हैं। पांच अगस्त, 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने, जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते और बिगड़ गए। इस फैसले के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ अपने राजनयिक संबंध घटा दिए और भारतीय राजदूत को निष्कासित कर दिया।
इसके बाद से पाकिस्तान और भारत के बीच संबंध में कोई सुधार नहीं हुआ है। ब्लिंकन ने कहा कि उन्होंने लोकतंत्रिक देश के रूप में अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने, धर्म की स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे मूल मूल्यों को बनाए रखने के महत्व के बारे में भी बात की। बिलावल ने कहा कि पाकिस्तान-अमेरिका संबंधों में न केवल लचीलापन है बल्कि यह समय की कसौटी पर खरे भी उतरे हैं।