Kolkata Desk : विधानसभा सत्र के दूसरे दिन भी काफी हंगामा हुआ और सभी भाजपा सदस्य विधानसभा से वॉकआउट कर गए। ‘चुनाव के बाद हिंसा’ के मुद्दे पर सरकार के विरोध में दूसरे दिन भी विधानसभा का सत्र काफी गर्मागर्मी भरा रहा। भाजपा विधायकों ने मुख्यमंत्री की मौजूदगी में भारी विरोध करते हुए सत्र से वाकआउट कर गए।
नेता प्रतिपक्ष शुभेन्दु अधिकारी ने संवाददाता सम्मेलन में विधानसभा अध्यक्ष के बारे में कहा कि मैंने ऐसा दलदास अध्यक्ष नहीं देखा, जो विरोधियों की आवाज को दबाना चाहती है। यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। नेता प्रतिपक्ष शुभेन्दु अधिकारी ने विधानसभा सत्र का बहिष्कार करने के बाद स्पीकर की निष्पक्षता पर सवाल उठाए। संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री ने विधानसभा चुनाव लड़ा और हार गई। उनकी पार्टी ने जीत हासिल की। उन्हें हराने वाला ही नेता प्रतिपक्ष बन गया है।
ये बाते विधानसभा में नहीं कही जा सकती है। तृणमूल विधायकगण ममता की आंखों से इशारा मिलते ही चीखने लगे। शुभेन्दु के कहा की, कानून मंत्री ने उनके कान में जाकर कहा तब अध्यक्ष कहते हैं कि ये मुद्दा सब-जूडिस है। लेकिन कोई अंतरिम फैसला नहीं हुआ है तब मैंने पूछा, ‘तो मैं यहां क्यों रहूं? मुझे बाहर निकालो’।
नेता प्रतिपक्ष ने यह भी कहा, भाजपा विधायकों के पास विधानसभा में तृणमूल विधायकों के हंगामे और हमलों का मुकाबला करने की ताकत है। संवाददाताओं द्वारा यह पूछे जाने पर कि तो फिर वॉकआउट क्यों? शुभेन्दु का साफ कहना था कि ‘विधानसभा अध्यक्ष विपक्ष की रक्षा करेंगे और कानून का पालन करेंगे। उनका शासक दल जिसके चुनाव चिन्ह पर वे जीत कर आये हैं, उस पार्टी के प्रति उनकी कमजोरी जाहिर हो गई है।
इसीलिए हमने विधानसभा का बहिष्कार किया। हम राज्य के आम नागरिकों को बताना चाहते हैं कि विधानसभा में भी विपक्ष का गला घोंटने का प्रयास किया जा रहा है। सत्र के पहले दिन भी विधानसभा में अभूतपूर्व विरोध देखने को मिला था। विपक्ष के विधायक उस दिन वेल में उतर गए थे। स्थिति इतनी गर्म हो गई कि राज्यपाल को बजट सत्र की शुरुआत में अपना भाषण पूरा किए बिना ही विधानसभा छोड़ना पड़ा था।