भाजपा सांसद अजय प्रताप सिंह ने पार्टी छोड़ी, उम्मीदवारों के चयन को लेकर भाजपा की आलोचना की

भोपाल : मध्य प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य अजय प्रताप सिंह ने आगामी लोकसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया पर नाराजगी व्यक्त करते हुए शनिवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और ‘बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार’ में लिप्त होने के लिए पार्टी की आलोचना की।

सिंह ने दावा किया कि भाजपा में भ्रष्ट लोगों को संरक्षण मिल रहा है और पार्टी राजनीतिक व्यापारियों का ”अड्डा” बन गई है। सिंह ने शनिवार सुबह सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अपना त्याग पत्र पोस्ट किया।

उन्होंने भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा को लिखे एक पंक्ति के पत्र में कहा, ‘मैं पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं।’सिंह ने पत्र में अपने इस्तीफे के लिए किसी कारण का जिक्र नहीं किया है।

हालांकि, सीधी शहर में पत्रकारों से बात करते हुए सिंह ने पार्टी पर भ्रष्टाचारियों को बचाने समेत कई गंभीर आरोप लगाए।

सीधी लोकसभा सीट से पार्टी के टिकट के दावेदारों में रहे सिंह ने टिकट वितरण प्रक्रिया पर भी नाराजगी व्यक्त की।

उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी ने कहा कि लोगों के बीच कराए गए सर्वेक्षण के आधार पर टिकट आवंटित किए जाएंगे, लेकिन यह नीति उम्मीदवारों के चयन में प्रतिबिंबित नहीं हुई।

सिंह ने कहा, ”भाजपा ने अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। मैं किसी भी उम्मीदवार का विरोध नहीं करता हूं, लेकिन पार्टी की चयन प्रणाली पर मुझे आपत्ति है और मैं इससे असहमत हूं। मैं इसे स्वीकार नहीं कर पा रहा हूं। यह सब मेरे त्यागपत्र में परिलक्षित हुआ है।

भाजपा पिछले करीब 20 साल से मध्य प्रदेश में और 10 साल से केंद्र की सत्ता में है।

उन्होंने कहा, ”इस दौरान मैंने पार्टी में कई बातें महसूस कीं। पार्टी में रहकर मैं उन्हें कभी नहीं कह सकता था, लेकिन अब मैं उन बातों को कह सकता हूं।”

सिंह ने आरोप लगाया कि पार्टी में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार व्याप्त है। बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचारियों को संरक्षण मिल रहा है। राजनीति व्यापार का माध्यम बन गई है…बल्कि हम कह सकते हैं कि पार्टी राजनीतिक व्यापारियों का अड्डा बन गई है।’

उन्होंने कहा कि पहले भाजपा को त्याग, तपस्या और बलिदान के लिए जाना जाता था, लेकिन पार्टी अब इसका घमंड नहीं कर सकती। सिंह ने आरोप लगाया कि वादों के बावजूद सीधी में विकास नहीं हुआ।

उन्होंने कहा, ‘विकसित भारत का नारा खोखला है। मेरी प्रतिबद्धता सीधी-सिंगरौली के लोगों के लिए है.. मैंने अपना शेष जीवन उन्हें देने का फैसला किया है।’

राज्यसभा सदस्य ने कहा कि उन्हें लगता है कि भाजपा लोगों की सेवा करने के उनके लक्ष्य को हासिल करने के लिए उपयुक्त नहीं है, इसलिए उन्होंने पार्टी से इस्तीफा देने का फैसला किया।

उन्होंने कहा, ”मुझे भाजपा उपयुक्त नहीं लगी, इसलिए मैं पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं। ”सिंह को मार्च 2018 में भाजपा द्वारा संसद के उच्च सदन में भेजा गया था।

राज्यसभा सदस्य के रूप में उनका कार्यकाल दो अप्रैल को समाप्त होगा। उन्हें पार्टी ने उच्च सदन के लिए फिर से टिकट नहीं दिया था।

सिंह सीधी लोकसभा सीट से पार्टी का टिकट चाहते थे लेकिन भाजपा ने वहां से राजेश मिश्रा को मैदान में उतारा है।

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