कोलकाता। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक विधायक ने बृहस्पतिवार को यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि पूरे पश्चिम बंगाल के स्कूलों में गर्मियों की छुट्टी की घोषणा जैसे सरकार के “मनमाने” फैसले से उत्तरी क्षेत्र में अलग राज्य की मांग को हवा मिलती है।उत्तर बंगाल में सिलीगुड़ी से विधायक शंकर घोष ने कहा कि राज्य के दक्षिणी क्षेत्र में भीषण गर्मी के कारण ग्रीष्मकालीन अवकाश की घोषणा कर दी गई है लेकिन उत्तर क्षेत्र की की स्थिति अलग है और वहां का मौसम अभी काफी सुहावना है। उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसा निर्णय लेने से पहले वहां के लोगों की राय पर विचार करना चाहिए था।
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा अलगाववाद को हवा देने की कोशिश कर रही है और राजनीतिक कारणों से राज्य को विभाजित करने की साजिश रच रही है। भाजपा विधायक ने ट्वीट किया, “दक्षिण बंगाल में भीषण गर्मी के कारण उत्तर बंगाल में स्कूल बंद हैं। इस तरह के प्रशासनिक निर्णय से अलग राज्य की मांग पैदा होती है!” उन्होंने शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु को भी एक पत्र भेजा और मांग की कि सिलीगुड़ी क्षेत्र को बुधवार को घोषित ग्रीष्मकालीन अवकाश के दायरे से बाहर रखा जाए।
घोष ने एक समाचार चैनल से बात करते हुए कहा कि उत्तर बंगाल के लोगों की राय और भावनाओं पर विचार किए बिना “ऐसे मनमाने” फैसले केवल उनके बीच अलगाव की भावना पैदा करते हैं। उन्होंने कहा कि कोविड के कारण स्कूल लगभग दो साल बाद फिर से खुले हैं और उत्तर बंगाल में अभी मौसम काफी सुहावना है। उनकी टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने दावा किया कि ऐसे बयानों से “भाजपा नेताओं की अपरिपक्वता” झलकती है। उन्होंने कहा, “भाजपा अलगाववाद को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है और राजनीतिक कारणों से बंगाल को विभाजित करने की साजिश रच रही है। लेकिन हम लेकिन हम ऐसा कभी नहीं होने देंगे।”