कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता विपक्ष शुभेन्दु अधिकारी ने सवाल किया है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पार्थ चटर्जी को गिरफ़्तारी के बाद भी मंत्री क्यों बनाए रखा है। प्रवर्तन निदेशालय ने पश्चिम बंगाल के उद्योग, वाणिज्य और संसदीय कार्यों के मंत्री पार्थ चटर्जी को स्कूल शिक्षकों की भर्ती से जुड़े कथित घोटाले के मामले में 23 जुलाई को गिरफ़्तार किया था। अधिकारी ने कोलकाता में राज्यपाल गणेशन से मुलाक़ात की और कहा कि पार्थ चटर्जी को मंत्री पद से हटाया जाना चाहिए।
अधिकारी ने बाद में पत्रकारों से कहा, “मुख्यमंत्री ने इतनी जानकारियों और सबूतों के बावजूद उनके ख़िलाफ़ कोई क़दम नहीं उठाया है।” इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक कार्यक्रम में कहा था कि पार्टी किसी व्यक्ति के ख़िलाफ़ तभी कार्रवाई करेगी जब अदालत उसे दोषी ठहरा दे। कथित शिक्षक भर्ती घोटाले की जाँच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय ने पार्थ चटर्जी की सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के फ़्लैट से कथित तौर पर छापे मारे हैं जिनमें कथित तौर पर करोड़ों की नकद राशि बरामद की गई है।
अधिकारी ने कहा कि तलाशी के दौरान फ्लैटों से कई ‘महत्वपूर्ण’ दस्तावेज भी मिले। मंत्री और मुखर्जी से पूछताछ के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा कि हालांकि वह “पूरे समय सहयोग करती रही हैं”। 22 जुलाई के बाद यह दूसरा मौका है जब जांच के सिलसिले में भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई है। ईडी ने भट्टाचार्य से साल्ट लेक इलाके में सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित अपने कार्यालय में भी पूछताछ की। ईडी के अधिकारियों ने 22 जुलाई को उनके आवासीय परिसर की तलाशी ली थी, जिसके बाद उन्हें पेश होने के लिए कहा गया था।