कोलकाता। पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी, भाजपा विधायक शंकर घोष के साथ संदेशखाली के लिए रवाना हो गए। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत के वक्त कहा कि लोकतंत्र की जीत हुई है। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शुभेंदु अधिकारी को उत्तर 24 परगना के संदेशखाली में जेलियाखलिया और हलदरपारा जाने की अनुमति दे दी है। वहीं पुलिस ने उत्तर 24 परगना के रामपुर में बैरिकेडिंग कर दी है। हालांकि नाव से शुभेंदु अधिकारी संदेखाली के लिए रवाना हो गए हैं। इस बीच जेलियाखली में विपक्ष के नेता का रास्ते में पार्टी कार्यकर्ताओं, समर्थकों के साथ-साथ आम लोगों ने स्वागत किया।
इधर, टीएमसी द्वारा हस्ताक्षर सत्यापित करने को लेकर शंकर घोष ने मीडिया को बताया, ‘उन्हें इस बारे में कोई सुराग नहीं है कि शुभेंदु अधिकारी को कैसे रोका जाए। इसीलिए वे किसी तरह की अराजकता पैदा कर रहे हैं। उन्हें रोकने के लिए समय बर्बाद कर रहे हैं। वे उनके हस्ताक्षर को सत्यापित करना चाहते हैं और अब गए हैं।’ उनके उच्च अधिकारी आगे प्रगति करेंगे। मुझे आशा है कि वे हमें हमारे गंतव्य तक जाने की अनुमति देंगे’।
गौरतलब है कि अदालत ने पटना हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश के नेतृत्व में छह सदस्यीय तथ्य-खोज टीम को 1 मार्च को संदेशखाली जाने की अनुमति दी है। टीम माझेरपारा, नतुनपारा और नस्करपारा जाएगी। इसके साथ ही न्यायमूर्ति कौशिक चंद्रा ने राज्य के नेता प्रतिपक्ष और भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी को भी संदेशखाली जाने की अनुमति दे दी है। इस दौरान कोई भी भड़काऊ टिप्पणी नहीं की जा सकेगी।
पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में पांच जनवरी को लगभग एक हजार लोगों की भीड़ ने ईडी के अधिकारियों पर उस वक्त हमला कर दिया था, जब वे राज्य में कथित राशन वितरण घोटाले की जांच के सिलसिले में शेख के परिसर पर छापेमारी के लिए गए थे। संदेशखाली में तृणमूल कांग्रेस के कुछ स्थानीय नेताओं पर यौन उत्पीड़न के आरोप भी लगे हैं। उन पर जमीन पर कब्जा करने के आरोप भी लगाए गए हैं। इसे लेकर यहां प्रदर्शन हो रहे हैं।
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