वेब डेस्क, कोलकाता। नई दिल्ली में भाजपा पार्टी मुख्यालय में आज भाजपा नेता डॉ. सुकांत मजूमदार और लॉकेट चटर्जी ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में बंगाल हिंसा के मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी। भाजपा नेता डॉ. सुकांत मजूमदार ने कहा- बंगाल में कुछ दिन पहले हुए पंचायत चुनाव में जो हिंसा हुई वह आप सबको पता है। ये हिंसा पश्चिम बंगाल की राजनीति के साथ बहुत वर्षों से जुड़ी हुई है, लेफ्ट के शासनकाल में भी वहां हिंसा होती थी। 2011 में ममता बनर्जी ने बंगाल के लोगों को अपनी सरकार आने के बाद आश्वासन दिया था कि ये हिंसा बंद होगी, लेकिन परिवर्तन कुछ नहीं हुआ बल्कि ममता जी की सरकार में हिंसा और ज्यादा बढ़ गई है।
पश्चिम बंगाल में लेफ्ट का शासन खत्म होने के बाद ममता बनर्जी ने वहां की स्थिति और भी खराब कर दी है। अब तक 57 लोगों की मौत हो चुकी है और इनमें बीजेपी, कांग्रेस, सीपीएम और यहां तक कि टीएमसी के लोग भी शामिल हैं। हमारे बूथ एजेंट के सिर पर गोली मारकर हत्या कर दी गई। अगर आंकड़ों की बात करें तो लगभग 1,012 घरों, 357 दुकानों और 56 टू-व्हीलर को तोड़ दिया गया। मणिपुर में जो घटना हुई वो बहुत दुखद है, हम उसकी कड़ी निंदा करते हैं, ऐसी घटना कहीं भी नहीं होनी चाहिए।
बंगाल के दक्षिण पांचला में भाजपा की महिला सदस्य को पंचायत चुनाव लड़ने के कारण निवस्त्र करके घुमाया गया। क्या ये मणिपुर से कम दुःखद घटना है। फर्क बस ये है कि इसकी कोई वीडियो नहीं है। क्योंकि ममता बनर्जी की पुलिस और गुंडे किसी को भी वीडियो नहीं बनाने देते। भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी ने कहा कि, बंगाल में पंचायत के चुनाव नहीं बल्कि खून के चुनाव हुए। इसमें बहुत हिंसा और महिलाओं के साथ अत्याचार हुए। ममता बनर्जी एक महिला मुख्यमंत्री होने के बावजूद भी महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को रोक नहीं रही है।
मणिपुर की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, हम इसकी निंदा करते हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल में जो हुआ वह उतना ही शर्मनाक है। पश्चिम बंगाल में हुए चुनाव ‘पंचायत चुनाव’ नहीं बल्कि ‘खून का चुनाव’ रहे हैं। ये चुनाव महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा और अत्याचार के एक शर्मनाक दौर के अलावा और कुछ नहीं थे।
8 जुलाई को पंचायत चुनाव के दिन पांचला में ग्रामसभा की एक महिला प्रत्याशी को बूथ के अंदर निःवस्त्र करके उसके साथ बदतमीजी की गई। लेकिन वहां की कोई वीडियो नहीं है, क्योंकि वहां पर जो भी मौजूद थे सबके हाथों में बंदूके थी। कांग्रेस भी अभी ममता बनर्जी के साथ जुड़ गई है। इसीलिए सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी दोनों चुप हैं। बाकी प्रदेशों में जाकर ये लोग रोते हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल में ये चुप हैं।