राजीव कुमार झा : नवादा बिहार के गया प्रमंडल का एक पुराना शहर है। इस नगर के आसपास का अंचल और परिवेश ऐतिहासिक गरिमा से समृद्ध रहा है। यहाँ के नारद संग्रहालय में संग्रहित कलाकृतियाँ इसकी झलक प्रस्तुत करती हैं। इसकी प्रदर्शन दीर्घा में यद्यपि हिंदू , बौद्ध और जैन धर्म से संबंधित मूर्तियों की प्रधानता है लेकिन इस संग्रहालय में अन्य प्रकार की ऐतिहासिक महत्व की संपदा का भी संग्रहण है।
इनमें बाँस – मिट्टी की कलाकृतियों के अलावा बाघ और अन्य प्राणियों के अवशेष को भी देखने का मौका मिलता है। यहाँ की मूर्ति दीर्घा में विभिन्न तरह के हिंदू देवी, देवताओं की छोटी – बड़ी सैकड़ों मूर्तियों के अलावा काफी संख्या में जैन – बौद्ध धर्म की मूर्तियाँ प्रदर्शित हैं और इनका काल 8 वीं शताब्दी ई. सन् से लेकर 12 वीं शताब्दी के मध्य है। नारद संग्रहालय बिहार सरकार के अधीन है।
यह पहले एक छोटा संग्रहालय था लेकिन अब यह एक समृद्ध संग्रहालय है और नवादा जिले के सुदूर इलाकों से संग्रहित पुरातात्विक महत्व की कलाकृतियों को यहाँ संरक्षित किया गया है। इस अंचल के विभिन्न गाँवों से एकत्रित इन कलाकृतियों के प्रदाता का नाम प्रदर्शित कलाकृतियों के विवरण पट्ट पर पढ़कर यहाँ आने वाले दर्शकों को इस इलाके के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है। नारद संग्रहालय समाहरणालय रोड में स्थित है और कई तरह के पुराने पेड़ों सुंदर सजावटी पौधों से घिरा से इसका पुराना परिसर आगंतुकों को शांति प्रदान करता है।