पटना। बिहार में हो रही बारिश और प्रमुख नदियों के जलस्तर में हो रही वृद्धि से राज्य के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति बन गई है। नदियों के उफान से डरे लोग बाढ़ की आशंका को लेकर उंचे स्थानों पर जा रहे हैं। जल संसाधन विभाग के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि सुबह आठ बजे वीरपुर बैराज में कोसी नदी का जलस्तर 2.21 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया था, जो अपराह्न् दो बजे 1.97 लाख क्यूसेक हो गया।
इधर वाल्मीकिनगर बैराज में गंडक के जलस्तर में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। यहां सुबह 10 बजे गंडक का जलस्राव 2.21 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया था, जबकि अपराह्न् दो बजे यहां का जलस्राव 2.76 लाख क्यूसेक हो गया। बताया जा रहा है कि गंडक नदी में जलस्तर बढ़ने की आशंका है।
जल संसाधन विभाग के मुताबिक, बागमती नदी डूबाधार, सोनाखान, ढेंग, कटौंझा हायाघाट और बेनीबाद में जबकि बूढ़ी गंडक समस्तीपुर में रोसड़ा रेल पुल के पास खतरे के निशान को पार कर गई है। इधर कमला बलान जयनगर और झंझारपुर रेल पुल के पास लाल निशान के पार है। ललबकैया नदी में उफान के कारण चंपारण क्षेत्र की स्थिति गंभीर बनती जा रही है।
राहत की बात है कि गंगा, पुनपुन और सोन नदी अभी अपनी सीमा में हैं। राज्य के पश्चिमी चंपारण और गोपालगंज के कई इलाकों में बाढ का पानी घुस गया है। गांव बाढ के पानी से घिर गए हैं। लोग उंचे स्थानों पर षरण लिए हुए हैं। बताया जा रहा है कि कई गांवों का सड़क संपर्क पूरी तरह टूट गया हैं।
शिवहर में भी बाढ़ की स्थिति बनी हुई है, जबकि मुजफ्फरपुर के दो प्रखंडों में बाढ़ का पानी घुस गया है। गंडक में पानी बढ़ने के बाद गोपालगंज में निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को अलर्ट किया गया है। बताया जा रहा है कि इस जिले के 40 से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है।