।।एक राज की बात बतलाता हूं।।
किशन सनमुखदास भावनानी
एक राज की बात बतलाता हूं
डिजिटल युग का मैं भी पालन करता हूं,
बड़े प्राइवेट स्कूल में फीस भरवाता हूं
भ्रष्टाचार की मलाई डिजिटली खाता हूं।
टेबल नीचे कैश लेना बंद किया हूं
काम बदले कहीं पेड करवाने आइडिया लाया हूं,
एजेंसियों के डर से सेफ़ रास्ता अपनाया हूं
भ्रष्टाचार की मलाई डिजिटली ही खाता हूं।
वर्ष में दो बार फैमिली टूर पर जाता हूं
लग्जरी शेड्यूल का लाखों उनसे भरवाता हूं,
कैश बिल्कुल नहीं लेता हूं
भ्रष्टाचार की मलाई डिजिटली खाता हूं।
प्लाट, फ्लैट, जमीन ममेरे भाई नाम करवाता हूं
फाइल देखकर रेट कोट करवाता हूं,
डायरेक्ट नहीं बॉटम लेवल से काम करवाता हूं
भ्रष्टाचार की मलाई डिजिटली खाता हूं।
बॉटम लेवल को अपनी फीस लेने बतलाता हूं
कैश नहीं कोई फायदा उठाने समझाता हूं,
कोई पकड़ेगा नहीं चोर-चोर मौसेरे भाई बतलाता हूं
भ्रष्टाचार की मलाई डिजिटली खाता हूं।