विनय कुमार, कोलकाता। रितिका का पर्याय है एक छोटी नदी, जो निरंतर बहती रहती रहे। अपने नाम को सार्थक करते हुए बंगाल की बेटी रितिका साव (Ritika Shaw) संगीत के क्षेत्र में निरंतर आगे बढ़ रही है। जज्बा, समर्पण और अपने लक्ष्य के प्रति एकात्म भाव उन्हें विलक्षण प्रतिभा से संपन्न बनाता है।
पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले के सालकिया इलाके के एक मध्यमर्गीय परिवार में जन्मी रितिका बेहद प्रतिभाशाली कलाकार हैं। Bengal’s Got Talent में उन्होंने अपनी सुरीली आवाज से जजों के दिलों पर कब्जा जमा लिया। यही वजह थी कि प्रतियोगिता से बाहर होने के बावजूद वाइल्ड कार्ड एंट्री से वापस बुलाया गया।
जजों के भरोसे पर खरा उतरते हुए रितिका ने अपनी सुरीली आवाज का जादू बिखेर दूसरा स्थान हासिल किया। संगीत के क्षेत्र में रितिका का यह पहला बड़ा मुकाम था।
कोलकाता हिन्दी न्यूज से खास बातचीत में रितिका ने बताया कि वाइल्ड कार्ड एंट्री मेरे लिए अविस्मरणीय पल था। जजों ने मेरे ऊपर जो भरोसा दिखाया उसे सही साबित करने के लिए मैने काफी मेहनत की। रितिका को क्लासिकल, वेस्टर्न एवं बॉलीवुड जॉनर में गाना पसंद है।
संगीत नहीं, डांस था पहला प्यार
म्युजिकल दुनिया में आने से पहले रितिका को डांसिंग का शौक था। 8-9 वर्ष की उम्र में तरुण दल के एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में उन्हें बतौर डांसर परफार्म किया था। जहां उन्हें काफी सराहना मिली थी। हालांकि उनके पिता रितिका को सिंगर बनाना चाहते थे। रितिका के पिता कहते है, मुझे लगा कि डांसिंग से ज्यादा सिंगिंग में रितिका अच्छा कर सकती है, उसकी आवाज अलग थी, इसीलिए मैने उसे संगीत के क्षेत्र में लाने का फैसला किया।
12 वर्ष की उम्र में शुरू हुआ संगीतमयी सफर
घर में रितिका के माता-पिता को संगीत से बहुत लगाव था। मां भी अच्छा गा लेती है लेकिन पारिवारिक कारणों एवं आर्थिक तंगी की वजह से वह अपना सपना पूरा नहीं कर पायी। रितिका की मां कहती हैं, स्कूल के सांस्कृतिक कार्यक्रम में उसने पहली बार गाना गाया। उस समय उसकी उम्र महज 12 साल थी। मैने उसके अंदर के हुर को पहचान लिया और जयंत सरकार से शास्त्रीय संगीत की शिक्षा दिलाना शुरू किया।
करियर और पहचान
- 2019 में सांस्कृतिक सह पुरस्कार जीता
- 2020 में उत्तर हावड़ा शिल्पी संघ पुरस्कार जीता
- 2023 बंगाल गॉट टैलेंट में उपविजेता रही
- स्थानीय स्तर पर कई म्युजिक शो कर चुकी है।
- फिल्म रियल एनकाउंटर में चांद जकड़ ले गाने के लिए राजकोट आइकोनिक फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
प्लेबैक और स्टुडियो रिकार्डिंग में करियर तलाशती रितिका यशराज स्टुडियो में अपना गाना रिकार्ड कर चुकी है। उन्हें उम्मीद है कि जी तोड़ मेहनत से इस क्षेत्र में आगे बढ़ने की काफी संभावनाएं हैं।
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