कोलकाता। उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में प्राथमिक शिक्षक भर्ती में कथित अनियमितताओं के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा तृणमूल कांग्रेस विधायक माणिक भट्टाचार्य की गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिका को बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने ईडी द्वारा की गई गिरफ्तारी में हस्तक्षेप करने से इनकार करने के साथ ही भट्टाचार्य द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया। पीठ ने कहा, ‘‘आवेदन खारिज किया जाता है। प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में कथित अनियमितता के मामले में ईडी ने भट्टाचार्य को 11 अक्टूबर को रातभर चली पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था।
पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष भट्टाचार्य को कथित तौर पर जांच में सहयोग नहीं करने के लिए गिरफ्तार किया गया था। वह नादिया जिले के पलाशीपारा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं।उच्चतम न्यायालय ने 18 अक्टूबर को पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रायोजित एवं सहायता प्राप्त विद्यालयों में प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति में कथित अनियमितताओं की जांच आगे बढ़ाने की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को अनुमति दे दी थी। शीर्ष न्यायालय अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल एस. वी. राजू की दलील से सहमत हो गया था।
सीबीआई की ओर से पेश हुए राजू ने दलील दी थी कि जांच एजेंसी असाधारण पहलुओं वाले एक भर्ती घोटाले का पर्दाफाश करने की प्रक्रिया में जुटी हुई है। साथ ही, इस समय जांच से प्रथम दृष्टया यह खुलासा होता है कि नियुक्तियों में धन का लेनदेन हुआ। न्यायालय ने कहा था, ‘‘लेकिन सीबीआई के वकील की दलील और एजेंसी की जांच की प्रगति पर विचार करते हुए हम इस समय जांच को अटकाना नहीं चाहते तथा यह देखने का इंतजार करें कि क्या राज्य पुलिस इसी तरह से निष्पक्ष जांच कर सकती है।’’
न्यायालय ने शिक्षक के तौर पर 269 उम्मीदवारों की भर्ती को रद्द करने संबंधी कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर भी रोक लगा दी थी। शीर्ष न्यायालय ने निर्देश दिया था कि ये 269 व्यक्ति बताये गये पदों पर अपनी-अपनी भर्ती का बचाव करने के लिए हलफनामा दाखिल करें। न्यायालय ने नियुक्ति करने वाले प्राधिकार से उनकी नियुक्तियों की वैधता की जांच करने को कहा था।