गंगारामपुर : हाईकोर्ट के आदेश पर गंगारामपुर के ठेंगापारा कोरियल क्षेत्र में प्रशासन ने पीडब्ल्यूडी की भूमि पर बनी बस्ती के मकानों को हटाने के लिए अभियान चलाया। इस अभियान के दौरान पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को व्यापक विरोध का सामना करना पड़ा।
गंगारामपुर ब्लॉक के ठेंगापारा कोरियल क्षेत्र में पीडब्ल्यूडी और एनएच प्राधिकरण की संयुक्त पहल पर घरों को हटाने के लिए अधिकारियों ने कदम बढ़ाए, लेकिन स्थानीय निवासियों ने इसे लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
विरोध इतना तीव्र था कि इलाके में उत्तेजना का माहौल बन गया। बड़ी संख्या में पुलिस बल को घटनास्थल पर तैनात किया गया था।
निवासियों ने घरों के टूटने की आशंका से रोते हुए विरोध प्रदर्शन किया, और महिलाओं और बच्चों ने जेसीबी मशीनों और ट्रैक्टरों को रोककर अपना विरोध जताया। विरोध बढ़ता देख प्रशासन को पीछे हटना पड़ा और अंततः उन्होंने इन घरों को खाली करने के लिए तीन महीने का अतिरिक्त समय देने का फैसला लिया।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब दीपांकर रॉय को कोरियल क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग 512 के किनारे एक पेट्रोल पंप बनाने का लाइसेंस मिला था। भारत पेट्रोलियम ने इस पेट्रोल पंप के निर्माण के लिए पीडब्ल्यूडी की भूमि को पट्टे पर लिया था, लेकिन इस स्थान पर कई घर बने थे, जिससे पेट्रोल पंप का निर्माण मुश्किल हो रहा था।
दीपांकर रॉय ने इस समस्या के समाधान के लिए प्रशासन से संपर्क किया, और जब मामला कोर्ट में पहुंचा, तो हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि इन घरों को खाली किया जाए।
अंततः प्रशासन ने इन 14 मकानों को खाली कराने का निर्णय लिया, लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के चलते प्रशासन को यह निर्णय बदलने की आवश्यकता पड़ी और तीन महीने का अतिरिक्त समय देने का फैसला किया गया।
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