Kolkata Desk: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में हार के बाद बंगाल भाजपा ने पश्चिम बंगाल से उत्तर बंगाल को अलग कर राज्य की मांग को जोरदार तरीके से उठाना शुरू कर दिया है। केंद्रीय राज्य मंत्री जॉन बारला और सांसद सौमित्र खान के बाद अब बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी अलग राज्य की मांग का समर्थन किया है और कहा कि इसके लिए मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं।
अलीपुरद्वार से भाजपा सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री जॉन बारला ने जून में उत्तर बंगाल के सभी जिलों को मिलाकर एक केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग की थी। हाल में भी केंद्रीय राज्य मंत्री ने फिर से अलग उत्तर बंगाल राज्य की मांग करते हुए कहा कि यह इस क्षेत्र की जनता की मांग है। अब उनकी मांग का प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी समर्थन करते हुए कहा कि इसकी पूरी जिम्मेदारी बंगाल की मुख्यमंत्री की है।
उल्लेखनीय है कि सासंद जॉन बारला की मांग के बाद बीजेपी सांसद सौमित्र खान ने भी मेदिनीपुर, बांकुड़ा और पुरुलिया जिलों के वन क्षेत्रों को मिलाकर जंगलमहल को अलग राज्य बनाने की मांग की थी। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने उत्तर बंगाल में अलग राज्य और पूर्व माओवाद प्रभावित जंगलमहल की मांग को अपना समर्थन दिया और ममता बनर्जी के ‘कुशासन’ को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया।
अलीपुरद्वार से सांसद और केंद्रीय मंत्री जॉन बारला के साथ जलपाईगुड़ी में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए दिलीप घोष ने कहा,”अगर एक अलग उत्तर बंगाल या जंगलमहल की मांग जोर पकड़ती है, तो इसकी जिम्मेदारी ममता बनर्जी को लेनी होगी।”
दिलीप घोष ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने उत्तर बंगाल या जंगलमहल में विकास के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘इन क्षेत्रों के लोगों को शिक्षा, नौकरी के लिए बाहर क्यों जाना पड़ता है? कोई अच्छी चिकित्सा सुविधा या शैक्षणिक संस्थान क्यों नहीं है?’ उन्होंने कहा, ‘जंगलमहल में भी यही स्थिति है। वहां की महिलाओं को दो वक्त की रोटी के लिए साल के पत्ते क्यों बेचने पड़ते हैं? वहां के लोग काम के लिए झारखंड, ओडिशा और गुजरात क्यों जाते हैं? अब अगर लोगों ने ऐसी मांगें की हैं तो यह अन्याय नहीं है।
दिलीप घोष ने कहा कि भाजपा बंगाल के विभाजन का समर्थन नहीं करती है। घोष ने कहा कि जनप्रतिनिधि के रूप में जॉन बारला अलीपुरद्वार के लोगों की मांग को रख रहे थे। जलपाईगुड़ी की यात्रा के दौरान प्रदेश भाजपा ने कहा, “लोगों की आवाज उठाने के लिए उन्हें (बारला को) अलगाववादी नहीं कहा जा सकता है।”
दिलीप घोष के बयानों पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए टीएमसी के प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने जानना चाहा कि ‘अगर उत्तर बंगाल के लोग जाहिर तौर पर यही चाहते हैं’ तो विधानसभा चुनाव के दौरान एक अलग केंद्र शासित प्रदेश की मांग क्यों नहीं उठाई गई। उन्होंने कहा “दिलीप बाबू या दिल्ली के नेता विधानसभा चुनावों के लिए अपने प्रचार के दौरान एक रुख अपनाते हुए क्यों नहीं बोल रहे थे?
यह पाखंड क्यों?” तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा, ‘अगर भाजपा ने इस तरह की राय पहले जाहिर की होती, तो पश्चिम बंगाल के मतदाता उसके रुख से अवगत होते।’ वहीं घोष की टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य के मंत्री फिरहाद हकिम ने कहा कि भाजपा ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति में विश्वास करती है।